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Kumbhalgarh Fort|इस किले में है भारत की सबसे लम्बी दीवार|जानिए इतिहास और वास्तुकला

 

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort

               राजस्थान भारत का एक ऐसा राज्य है ,जहाँ अधिक संखिया में किलों की सुन्दरता के लिए जाना जाता है | इस राज्य को सुंदर और खूबसूरत किलों का गढ़ कहा जाता है | इस राज्य में प्रसिद्ध और ऐतेहासिक किले हैं ,जो सम्रध्य इतिहास और अनूठी निर्माण शैली के लिए जाने जाते हैं |ऐसा ही एक किला है ,Kumbhalgarh Fort जिसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक देश और विदेश से यहाँ आते हैं |

          इसी तरह राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले में स्थित कुम्भलगढ़ एक छोटा शहर और नगर पालिका है |कुम्भलगढ़ शहर , कुम्भलगढ़ किले के लिए जाना जाता है | ये किला भारत के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किलों में से एक है |यह किला 15 वीं शताब्दी में राणा कुम्भा द्वारा बनाया गया था|यह किला भारत की सबसे लम्बी दीवार के लिए भी जाना जाता है |यह दीवार चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |

1. कुम्भलगढ़ किले का इतिहास  History of Kumbhalgarh Fort in Hindi

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort

                 कुम्भलगढ़ किला भारत के राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले में अरावली पहाड़ियों पर स्थित है |इस किले का निर्माण राणा कुम्भा ने 15 वीं शताब्दी में कराया था |उन्हें के नाम पर इस किले का नाम कुम्भलगढ़ पड़ा |यह उदयपुर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |कुम्भलगढ़ किला महाराणा प्रताप की जन्म स्थली भी है |ये एक अभेद्य किला है | इस किले की दीवार भारत की सबसे लम्बी और दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |इस दीवार की लम्बाई 38 किलोमीटर और चौडाई 21 फिट है |जो किले को चारों और से घेरे हुए है |राणा कुम्भा ने उस समय के प्रसिद्ध वास्तुकारमंडनकी सहायता ली थी|कहा जाता है की राणा कुम्भा ने अपने अधीन 84 किलों में से 32 का निर्माण कराया था,जिसमे कुम्भलगढ़ सबसे बड़ा और विस्तृत है |

               यह किला सबसे सुरक्षित किला भी माना जाता है |यह किला वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बनाया गया है |इस किले में प्रवेश द्वार ,प्राचीर ,जलाशय ,आपातकालीन द्वार ,महल ,मंदिर ,आवासी इमारतें ,यज्ञ वेदी ,स्तम्भ ,छतरियां आदि बने हैं |मेवाड़ के शासकों ने खतरे के समय इस किले का उपयोग शरण स्थल के रूप में किया |इस किले पर अनेकों बार घेरा बंदी की गई,लेकिन इसे कोई जीत नहीं पाया|1577 में अकबर के सेनापति शाहबाज़ खां ने इस किले की 6 माह की घेरा बंदी के बाद इस किले पर कब्ज़ा करने में सफल रहा| लेकिन 1588 में प्रताप ने इस किले पर पुनः कब्ज़ा कर लिया|फिर 18 वीं शताब्दी में इस किले पर अंग्रेजों का कब्ज़ा हो गया |

और देखें :Asirgarh Fort | भारत का एक रहस्यमय किला | इतेहास और स्थापत्य कला


2. कुम्भलगढ़ किले की वास्तुकला  Architecture of Kumbhalgarh  Fort in Hindi 

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort

                    इस किले का निर्माण प्रसिध्य वास्तुकार मंडन द्वारा किया था,जिन्होंने संरचना में कलात्मक और रक्षात्मक दोनों तत्वों को शामिल किया था |यह किला अरावली पर्वतमाला की चोटी पर समुद्र ताल से 1,100 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया है |किले की बुर्ज वाली दीवार 36 किलोमीटर तक फैली हुई है |इस दीवार की मोटाई 21 फिट है |यह दीवार दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |इस किले में सात प्रवेश द्वार हैं |किले के भीतर 360 जैन और हिन्दू मंदिर स्थित हैं |पहाड़ी स्थान के कारण,किले की संरचना राजपूत और मुग़ल स्थापत्य शैली में की गई है | इस किले पर जल आपूर्ति के लिए ढलाव दार स्थान पर सीढ़ी दार बावड़ियाँ बनाई गई हैं |कुम्भलगढ़ किला मेवाड़ की स्थापत्य कला और सैन्य कौशल का बेजोड़ नमूना है | यह किला अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है |

3. कुम्भलगढ़ किले में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल  Famous Tourist Places in                                Kumbhalgarh Fort in Hindi

3.1 बादल महल  Baadal Mahal

                   बादल महल राणा फतह सिंह द्वारा निर्मित कुम्भलगढ़ किले का एक बहुत खुबसूरत महल है |यह महल अपनी खूबसूरत संरचना और भव्यता के लिए जाना जाता है |यह दो मंजिला महल है ,जो किले के शीर्ष भाग पर बना है |इस कारण इसे बादल महल कहा जाता है |यह महल अपने रंगीन भित्ति चित्रों और खूबसूरत लुभावने द्रश्यों के लिए जाना जाता है |शीर्ष पर होने के कारण यह महल बहुत ही हवादार है |इस महल का उपयोग शाही निवास के लिए किया जाता था |

                     इस महल को दो भागों में बांटा गया है, जिन्हें मर्दाना महल और जनाना महल कहा जाता है |जनाना महल में रानियों के लिए पत्थर के जालीदार झरोके बनाए गए हैं ,इन झरोकों का उपयोग रानियाँ अदालती कार्यवाही और अन्य मुख्य कार्यक्रमों को देखने के लिए करती थीं |इन कक्षों में वातानुकूलित प्रणाली देखने योग्य है |इस प्रणाली को डक्ट पाइपों की एक श्रंखला से जोड़ा गया है,जो कमरों में ठंडी हवा को प्रवाहित करती हैं और नीचे की ओर से कमरों को हवादार बनाती है|

और देखें :जूनागढ़ किला बीकानेर। राजस्थान का ज़ेवर। Junagarh Fort Bikaner । Rajasthan ka Zaiver

3.2 कुम्भा महल  Kumbha Mahal

               कुम्भा महल, कुम्भलगढ़ किले में स्थित एक राजपूत वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है |यह एक दो मंजिला ईमारत है |इस महल में एक बहुत ही सुंदर नीला दरबार है |यह दरबार विभिन्न प्रकार के भित्ति चित्रों से सजाया गया है |

3.3 कुम्भलगढ़ किले की दीवार की लम्बाई  Kumbhalgarh Fort Wall Lenght

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort Wall

             कुम्भलगढ़ की दीवार पूरे किले को घेरे हुए है | यह दीवार चाइना की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |इस दीवार की लम्बाई 36 किलोमीटर है ,और इसकी मोटाई 21 फिट है | इस दीवार पर अनेक अर्ध गोलाकार बुर्ज बनाए गए हैं | जो दीवार को मजबूती प्रदान करते हैं |

और देखें : जैसलमेर फोर्ट।दुनिया के सबसे बडे़ रेगिस्तान में बना किला।Jaisalmer Fort।Duniya ke Sabse Bade Registan Me Bana Kila

3.4 कुम्भलगढ़ किले के द्वार  Gates of Kumbhalgarh Fort

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort Gate

               इस किले में प्रवेश के लिए सात प्रवेश द्वार हैं | आरेट पोल किले का पहला द्वार है,जिससे किले पर प्रवेश किया जाता है |हल्ला पोल प्रवेश द्वार के बाद नीचे की ओर ढालान पर बनाया गया है |हल्ला पोल से अगला द्वार हनुमान पोल है ,यह अष्टकोणीय बुर्जों वाला दो मंजिला द्वार है |राम पोल किले का मुख्य प्रवेश द्वार है |इसके पूर्व की ओर एक और प्रवेश द्वार है ,जिसे राम पोल कहा जाता है |राम पोल और बादल महल के बीच पांच और प्रवेश द्वार हैं |इन द्वारों के नाम इस प्रकार हैं ,भैरो पोल,निम्बू पोल,चौगान पोल,पगडा पोल,गणेश पोल|

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3.5 हिन्दू मंदिर  Hindu Temple 

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Hindu Temple

  • गनेश मंदिर – इस मंदिर का निर्माण महाराणा कुम्भा के द्वारा किया गया था |यह मंदिर राम पोल के बाएँ ओर स्थित है |
  • चतुर्भुजा मंदिर – यह मंदिर गणेश मंदिर के दाएँ ओर पहाड़ी ढलान पर है |यह मंदिर चार भुजाओं वाली देवी को समर्पित है |
  • नीलकंठ महादेव मंदिर – इस मंदिर का निर्माण 1458 ई. में किया गया था | यह मंदिर किले के पूर्वी हिस्से में स्थित है |शिव की मूर्ती काले पत्थर से बनी है और इसे 12 हाथों से दर्शाया गया है |
  • माता जी मंदिर – जिसे खेडा देवी मन्दिर भी कहा जाता है |
  • गोलेरा मंदिर – इस मंदिर समूह में पांच हिन्दू मंदिर हैं । 
  • मामादेव मंदिर – राणा सांगा के बड़े भाई कुवंर प्रथ्विराज की समाधि इस मंदिर के निकट है |
  • सूर्या मंदिर –
  • वेदी मंदिर –  इस वेदी मंदिर का निर्रामाण राणा  कुम्भा द्वारा करवाया गया था |

3.6 जैन मंदिर  Jain Temple 

  • पार्श्वनाथ मंदिर
  • गोलेरा मंदिर – इस में चार जैन मंदिर हैं |
  • विजय पोल के निकट दो जैन मंदिर
  • पीतलशाह जैन मंदिर

4. कुम्भलगढ़ किला घूमने का अच्छा समय      Best Time to Visit Kumbhalgarh Fort

            गर्मियों के मौसम में यहाँ की जलवायु काफी गर्म होती है |इस लिए इन दिनों में घूमना बहुत कठिनाइयों से भरा होता है |सर्दियों का मौसम अक्तूबर से फरवरी का समय कुम्भलगढ़ किला घूमने के लिए अच्छा समय माना जाता है |क्युकी इन दिनों में मौसम बहुत  सुहावना होता है
जो यात्रा करने के लिए अच्छा समय माना जाता है|

5. कुम्भलगढ़ किले का प्रवेश शुल्क   Kumbhalgarh Fort Ticket Price

  • भारतीय सैलानियों के लिए : 10 रूपये 
  • विदेशी सैलानियों के लिए : 200 रूपये 

6. कुम्भलगढ़ किला खुलने का समय  Kumbhalgarh Fort Timings

  • सुबह 9:00 से शाम 6 बजे तक
  • यात्रा की अवधि 3 घंटे
7. कुम्भलगढ़ किला कैसे पहुंचें?   How to Reach Kumbhalgarh Fort?

           कुम्भलगढ़ किला हवाई मार्ग ,रोड मार्ग और रेल मार्ग तीनों साधनों से पहुंचा जा सकता है| तीनों माध्यमों से यह आसानी से जुड़ा हुआ है |

और देखें : माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal

8. हवाई जहाज़ से कुम्भलगढ़ किला कैसे पहुंचे  How to                                                             Reach Kumbhalgarh Fort By Plane

              उदयपुर हवाई अड्डा कुम्भलगढ़ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है |उदयपुर से कुम्भलगढ़ की दूरी 64 किलोमीटर है| हवाई अड्डा पहुँचने के बाद यहं से बस,टैक्सी ,कार के द्वारा कुम्भलगढ़ किला पहुंचा जा सकता है |

और देखें :भारत का यह द्वीप मालदीव और थाईलैंड से भी अधिक खूबसूरत। Bharat ka Yeh Island Maldive Or Thailand Se Bhi Adhik Khubsurat

9. रोड मार्ग से कुम्भलगढ़ किला कैसे पहुंचे   How to Reach                                                    Kumbhalgarh Fort By Road

             उदयपुर यहां का सबसे नज़दीक बस स्टॉप है | यह शहर भारत के बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुदा हुआ है |राजस्थान और इसके बड़े शहरों से कुम्भलगढ़ के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं | बस के अलावा आप कार ,टैक्सी या कैब का सहारा ले सकते हैं |

10.  कुम्भलगढ़ किला रेल मार्ग से कैसे पहुंचे  How to Reach Kumbhalgarh Fort By                   रेल 

             कुम्भलगढ़ में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है |इसका सबसे पास का रेलवे स्टेशन फालना रेलवे स्टेशन है |इसके अलावा उदयपुर भी रेलवे स्टेशन है |आप भारत के कोई भी बड़े शहर से रेल मार्ग द्वारा उदयपुर आसानी से पहुँच सकते हैं |रेलवे स्टेशन पहुँचने के बाद आप बस ,टैक्सी या कैब के द्वारा कुम्भलगढ़ किला पहुँच सकते हैं |


FAQ

Q.1.  कुम्भलगढ़ किला कहाँ स्थित है ?

Ans.  राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले में स्थित कुम्भलगढ़ एक छोटा शहर और नगर पालिका है|              यह उदयपुर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

Q.2.   कुम्भलगढ़ किले का निर्माण किसने और कब किया था?

Ans.   महाराणा कुम्भा द्वारा 15 वीं शताब्दी में कुम्भलगढ़ किले का निर्माण कराया गया था|

Q.3.   महाराणा प्रताप का जन्म कहाँ हुआ था ?

Ans.  महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ़ में हुआ था| 

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उदयपुर में घूमने की जगह। Udaipur me Ghumne ki Jagah

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