सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg

    

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

        भारत में अनेक किले स्थित हैं, जो अपनी सुंदरता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन किलों का प्रभावशाली इतिहास , निर्माण शैली और साहित्य देश विदेश में अलग ही पहचान रखती है। ऐसा ही एक किला लोहागढ़ फोर्ट है।

           यह किला राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में स्थित है। लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग कहलाता है। क्योंकि इस किले को कभी कोई जीत नहीं पाया। यहाँ तक कि अंग्रेज़ और मुगल भी इस किले पर जीत हासिल नहीं कर पाए। 

1. लोहागढ़ फोर्ट का इतिहास History of        Lohagarh Fort in Hindi

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

             भरतपुर के जाट वंश के कुवंर महाराजा सूरजमल जी द्वारा 1733 ई. में इस किले का निर्माण किया गया। महाराजा सूरजमल ने इस किले का निर्माण इस प्रकार कराया की इस किले को भेद पाना नामुमकिन था। क्योंकि इस किले के बाहर की ओर मिट्टी की दीवार बनाई गई थी। जब अंग्रेज़ों ने आक्रमण किया तो तोप के गोले मिट्टी की दीवार पर धंस गए। अंग्रेज़ों ने 13 बार आक्रमण किया पर इस किले को नही जीत पाए। 1805 में अंग्रेजों ने जब आक्रमण किया तो ब्रिटिश सेना के 3000 लोग मारे गए। इससे निराश होकर ब्रिटिश सेना वहाँ से चले गई। 

2. लोहागढ़ फोर्ट की वास्तुकला                        Architecture of Lohagarh Fort        in Hindi 

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

              लोहागढ़ फोर्ट की सबसे महत्वपूर्ण भाग उसकी मिट्टी से बनी बाहरी मोटी दीवारें हैं। यह दीवारें दुश्मन द्वारा दागे गए तोप के गोलों को बेअसर कर देती थीं। इस किले की बाहरी दीवारों की लम्बाई 7 किलोमीटर है। इन दीवारों को बनाने में 8 साल का समय लगा। इन दीवारों का निर्माण चिकनी मिट्टी, गोबर, चूना और भूसे के गारे से किया गया है। जो तोप के गोलों को अपने अंदर आसानी से अवशोषित कर लेती थीं। 

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

          दुश्मन किले तक न पहुँच पाए इस लिए लोहागढ़ फोर्ट के चारों ओर खाई बनाई गई थी, और उस में पानी भर दिया गया था। और उसमें मगरमच्छ भी डाल दिए गए थे। ताकि कोई तैर कर किले की दीवारों तक न पहुँच सके। युध्द के समय इन मगरमच्छों को खाना देना बंद कर दिया जाता था, ताकि कोई सैनिक खाई में तैर कर जाए तो मगरमच्छ का निवाला बन जाए। महल में प्रवेश करने के लिए एक ब्रिज बनाया गया था। 

            लोहागढ़ फोर्ट की प्रमुख दीवारों की ऊंचाई लगभग 100 फिट और चौड़ाई 30 फिट है। इन दीवारों का बाहरी भाग मिट्टी से बनाया गया था, इस कारण इस किले को मिट्टी का किला भी कहा जाता है। 

3. लोहागढ़ फोर्ट का अष्ट धातू द्वार Ashta        Dhatu Gate in Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Ashta Dhatu Gate

        यह अष्ट धातू द्वार लोहागढ़ फोर्ट का प्रमुख द्वार है। इसके स्पाइक्स आठ धातू से मिल कर बने हैं। इसलिए इसे कष्ट धातु द्वार कहा जाता है। कहा जाता है कि यह दरवाज़ा चित्तौड़गढ़ किले में लगा था, यहाँ से निकाल कर यह दिल्ली के लाल किले में लगाया गया था। फिर जवाहर सिंह जाट द्बारा दिल्ली विजय के दौरान 1765 लाल किले से उतारकर लाय थे। 

 4. लोहागढ़ फोर्ट के बुर्ज: Burj of                   Lohagarh Fort

4.1 जवाहर बुर्ज  Jawahar Burj

4.2 फतह बुर्ज    Fateh Burj

4.1 लोहागढ़ फोर्ट का जवाहर बुर्ज: Jawahar Burj Of          Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Jawahar Burj

           लोहागढ़ फोर्ट में जवाहर बुर्ज का निर्माण 1765 ई. में सवाई राजा जवाहर सिंह ने करवाया था। मुग़लों पर जीत की खुशी में इस बुर्ज का निर्माण किया गया था। राजाओं के राज्याभिषेक और समारोह इसी बुर्ज पर किए जाते थे। जवाहर बुर्ज पर मंडपों की एक श्रृंखला भी है। बुर्ज की छत एवं दीवारों पर भित्ति चित्र भी बनाए गए थे। 

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Iron Piller

          पूर्व शासक महाराज बृजेन्द्र सिंह द्वारा हाल ही में यहाँ वंशावली अंकित एक लोह स्तम्भ लगाया गया है। वह भरतपुर के तत्कालीन रियासत के अंतिम शासक थे। 1995 में महाराज बृजेन्द्र सिंह का स्वर्गवास हो गया था। 

4.2 लोहागढ़ फोर्ट का फतह बुर्ज: Fateh Burj of                  Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Fateh Burj

        फतह बुर्ज का निर्माण 1805 में अंग्रेज़ों पर जीत के फलस्वरूप कराया गया था। इस बुर्ज पर भी खूबसूरत मंडप और दीवारों पर भित्ति चित्र बनाए गए हैं। 

5. लोहागढ़ फोर्ट का महल खास : Mahal        Khas of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Mahal Khas 

          लोहागढ़ फोर्ट का महल खास राजा सूरज मल द्बारा बनाया गया था, जिन होंने 1733 से 1763 तक शासन किया था। यह महल खास जाट वास्तुकला का एक नमूना है। इस महल की छत घुमावदार बनाई गई हैं और बालकनियों को सहारा देने के लिए घुड़सवार कोष्ठक का इस्तेमाल किया गया है। 

6. लोहागढ़ फोर्ट का बदन महल पैलेस:            Badan Mahal of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Badan Mahal

          बदन महल का निर्माण महाराजा सूरजमल के पिता ने करवाया था। इनहोने 1722 से 1733 तक शासन किया था। इस महल का निर्माण उत्तर पश्चिम दिशा में किया गया था। इस महल को पुराने महल के नाम से भी जाना जाता है। इस महल को ऊंचाई पर बनाया गया है। 

7. लोहागढ़ फोर्ट का किशोरी महल:                  Kishori Mahal of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Kishori Mahal

            किशोरी महल लोहागढ़ फोर्ट का प्रमुख स्थल है। महाराजा सूरजमल ने इस किले का निर्माण कराया था। यह महल महारानी किशोरी का निवास स्थान था, जो महाराजा सूरजमल की पत्नी थीं। महाराजा सूरजमल के भरतपुर में रहने के दौरान शासन यहीं से संचालित होता था। इस भवन की नीव 1726 ई. में रखी गई थी। यह महल वास्तुशास्त्र के समरागंण सूत्र के अनुसार निर्मित है। यह भवन चार मंज़िला है। इस भवन में दो चौक हैं। महाराजा सूरजमल द्वारा बनाई गई इमारतों में यह सबसे नक्काशी वाला है। 

8. लोहागढ़ फोर्ट का कामरा पैलेस: Kamra      Palace of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Kamra Palace 

         कामरा पैलेस को बदन महल के पास बनाया गया था। इस महल कि उपयोग हथियार रखने के लिए किया जाता था। महल को अब एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। इस संग्रहालय में जैन मूर्तियां, हथियार हथियारों का संग्रह, अरबी और संसकृत पांडूलिपियां शामिल हैं। 

9. लोहागढ़ फोर्ट घूमने जाने का अच्छा              समय: Best Time to Visit                    Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

         लोहागढ़ फोर्ट में घूमने का सबसे अच्छा समय अगस्त से सितम्बर तक होता है। गर्मी के मोहम में घूमने जाने की सतह नही दे सकते, क्योंकि इस मोसम में अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण घूमने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

10. लोहागढ़ फोर्ट घूमने का समय: Time          to Visit Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट में सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 तक घूमा जा सकता है। 

11. लोहागढ़ फोर्ट कैसे पहुंचे: How to              Reach Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

          लोहागढ़ फोर्ट भरतपुर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भरतपुर सड़क मार्ग और रेल मार्ग द्बारा बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जिसके माध्यम से लोहागढ़ फोर्ट आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

11.1 लोहागढ़ फोर्ट हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे: How to              Reach Lohagarh Fort By Air

       लोहागढ़ फोर्ट हवाई मार्ग से सीधा नहीं पहुंचा जा सकता। इसका सबसे करीबी ऐयर पोर्ट आगरा है। आगरा से भरतपुर की दूरी 50 किलोमीटर है। आगरा पहुंचने के बाद बस या टैक्सी से लोहागढ़ फोर्ट पहुंचा जा सकता है। 

11.2 लोहागढ़ फोर्ट सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे: How to               Reach Lohagarh Fort By Road


          अगर आप सड़क मार्ग से लोहागढ़ फोर्ट जाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोहागढ़ फोर्ट भरतपुर से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। भरतपुर भारत के प्रमुख शहर आगरा, दिल्ली, जयपुर आदि से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आप इन शहरों से बस या टैक्सी के माध्यम से आसानी से लोहागढ़ फोर्ट पहुंच सकते हैं। 

11.3 लोहागढ़ फोर्ट रेल मार्ग से कैसे पहुंचे: How to                   Reach Lohagarh Fort By Train


             यदि आप लोहागढ़ फोर्ट ट्रेन से जाना चाहते हैं तो, हम बता दें कि लोहागढ़ फोर्ट का निकटतम रेलवे स्टेशन भरतपुर है, जो दिल्ली- मुम्बई रेलवे लाइन पर स्थित है। यह भारत के प्रमुख शहरों से रेलवे मार्ग द्बारा जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, मुम्बई, आगरा, जयपुर से ट्रेन से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहाँ से लोहागढ़ फोर्ट टैक्सी के द्वारा जा सकते हैं। 

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

ओरछा क्यों फेमस है? Orchha Kyu Famous Hai?

       

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Orchha

        मध्यप्रदेश में स्थित ओरछा एक खूबसूरत और प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह मध्यप्रदेश के निवाड़ी ज़िले में स्थित है। इसका प्राचीन नाम "उरछा" था। यह खूबसूरत नगर बेतवा नदी के किनारे स्थित है। यह नगर मध्यप्रदेश का शाही शहर भी कहलाता है।

          यह मध्यप्रदेश के टूरिज्म को बढ़ाता है। इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए ओरछा बहुत महत्वपूर्ण है। जो बुंदेला युग का स्मरण कराता है। ओरछा की भव्यता और सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहाँ की वास्तुकला शैली लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है। हर साल यहाँ हज़ारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। 

1. ओरछा का इतिहास History of Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Orchha

          इस शहर का निर्माण बुंदेला राजपूत शासक रुद्र प्रताप सिंह द्वारा 16 वीं शताब्दी में कराया गया था। ओरछा बेतवा नदी के किनारे स्थित एक सुन्दर और भव्य नगर है, जिसकी भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। रुद्र प्रताप सिंह ओरछा के पहले राजा थे। इनके द्वारा ही ओरछा के किले का निर्माण कराया था। 

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Orchha

             इसके बाद के राजाओं ने अपने अनुसार इस किले में बदलाव किए। चतुर्भुज मंदिर का निर्माण ओरछा की रानी गणेश कुंवर द्वारा किया गया था। राम राजा मंदिर का निर्माण राजा मधुकर शाह ने अपने शासन(1554 - 1591) के दौरान कराया था। इसके बाद 1635 औरंगजेब के नेतृत्व में मुग़ल सेना ने ओरछा पर नियंत्रण हासिल कर लिया। 

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2. ओरछा में घूमने की खूबसूरत जगह Best Places to            Visit in Orchha in Hindi

 2.1 ओरछा फोर्ट Orchha Fort in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Orchha Fort

             ओरछा किले का इतिहास 16 वीं शताब्दी का माना जाता है। 1501 में राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा किले का निर्माण किया गया था। इस महल के निर्माण के बाद इस परिसर में कई महल और मंदिर का निर्माण किया गया। किले के परिसर में एक धनुषाकार मार्ग से पहुंचा जाता है। एक बड़े और भव्य द्वार से गुज़रने के बाद महलों से घिरा एक बड़ा चतुर्भुजाकार प्रागंण है। 

             ओरछा के किले की वास्तुकला मुग़ल और बुंदेलखंड दोनो शैलियों का मिश्रण मिलता है। यह किला सिर्फ सुन्दरता के लिए ही नहीं, बेमिसाल इंजीनियरिंग के लिए भी जाना जाता है। राजसी निवासों में बालकनियां, जालीदार खिड़कियों, बड़े बड़े मंडप और खूबसूरत छतरियों के साथ यह महल सुन्दरता और भी बढ़ जाती है। इसके अलावा यहां लाइट एण्ड साउंड शो भी पर्यटकों को देखने को मिलता है। 

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2.2 जहांगीर महल ओरछा Jahangir Mahal Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Jahangir Mahal

            जहंगीर महल का इतिहास काफी रोचक रहा है। इस महल का निर्माण 1518 में राजा वीरसिंह देव ने अपने परम मित्र बादशाह जहाँगीर जिनका नाम सलीम था, के लिए करवाया था। महल का प्रवेश द्वार कलात्मक तरीके बनाया गया है। महल की अंदर कि दीवारें फ़ीरोज़ा टाईलों से ढ़की हुई हैं। जहाँगीर महल एक तीन मंज़िला खूबसूरत संरचना है। इस महल में स्टाइलिश तरीके से बालकनियां, बरामदे और कमरों का निर्माण किया गया है। 

             जहंगीर महल के गुम्बद तिमूरिड रीती रिवाजों के अनुसार बनाए गए हैं। यह महल मुग़ल और बुंदेला शिल्पकला का एक बेजोड़ नमूना है। यह आयताकार चबूतरे पर स्थित है। इस हर कोने पर गुम्बद बनाया गया है। इसकी छत पर आठ बड़े धारीदार और बीच में छोटे गुम्बद बनाए गए हैं। इस महल में 236 कमरे हैं। यह महल अपनी खूबसूरत सीढ़ियों और विशाल गेट के लिए प्रसिद्ध है। यह महल बुंदेलों की वास्तुशिल्प का प्रमाण है। 

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2.3 राम राजा मंदिर - Ram Raja Temple Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Ram Raja Temple 

              राम राजा मंदिर ओरछा का पवित्र एवं दार्शनिक स्थल है। यह ओरछा का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी है। यह देश का पहला ऐसा मंदिर है, जहाँ श्री राम राजा के रूप में पूजे जाते हैं। यह एक महल है, जिसका निर्माण राजा मधुकर शाह बुंदेला के द्वारा कराया गया था। पहले इस महल का उपयोग राजा मधुकर शाह द्वारा आवास के तौर पर किया जाता था। फिर इस महल को मंदिर में परिवर्तित कर दिया गया। 

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Ram Raja Temple

               इस मंदिर से एक आश्चर्यजनक कहानी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित भव्य मूर्ति को चतुर्भुज मंदिर में स्थापित कर ना था। लेकिन इस मूर्ति को महल में एक बार रखने के बाद इस मूर्ति को हिलाना मुश्किल हो गया। इस कारण इस महल को ही मंदिर में बदल दिया गया। जिसे देखने के लिए हर साल लाखों श्रध्दालु जाते हैं। 

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2.4  राज महल ओरछा Raj Mahal Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Raj Mahal Orchha 

              राज महल ओरछा का एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल है। इस ममहल का निर्माण महाराजा वीरसिंह जू देव ने 1616 ई. में करवाया था। इस महल की सुदृढ़ता और आकर्षक भव्यता उस समय के कारीगरों और शिल्पियों की अद्भुत प्रतिभा और अनूठी निर्माण कला का प्रतीक है। इस महल के अंदर बहुत से विशाल कक्ष हैं। 

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Raj Mahal Orchha 

               इस महल का दरबारे आम की भव्यता देख कर उस समय के शाही ठाट बाट का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इस महल के नीचे विशालतम तल घर स्थित हैं, जिन से अन्य महलों की ओर गुप्त रास्ते निकलते हैं। यह राज महल प्राचीन हिन्दू स्थापत्यकला और वास्तुकला का परिपूर्ण मिश्रण प्रस्तुत करता है। 

और पढ़ें: माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal

2.5 बेतवा नदी ओरछा Betva River Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Betva River Orchha 

            बेतवा नदी ओरछा की खूबसूरत घूमने की जगह में से एक है। नदी के किनारे बैठ कर शांति के कुछ पल बिताना मन को आनंद से भर देता है। इसके अलावा आप यहाँ राफ्टिंग और बोट राइडिंग जैसे खेलों का आनंद भी ले सकते हैं। 

2.6 छत्रियां ओरछा Chhattris Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Chhattris Orchha

            ओरछा में बेतवा नदी की तट पर स्थित छत्रियां बुंदेला महाराजाओं की कब्रें हैं, जो ओरछा के सम्रद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं। नदी के किनारे 14 छत्रियां हैं, जिनका निर्माण बुंदेलखंड के राजाओं के सम्मान में किया गया है। इन छतरियों की वास्तुकला शैली बहुत ही खूबसूरत है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। 

2.7  फूल बाग़ ओरछा Phool Bagh Orchha in Hindi

             फूल बाग ओरछा का एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह ओरछा का सबसे सुंदर उद्यान है। यहाँ की हरयाली और पानी के फव्वारे यहाँ की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। इसमें नीचे की ओर एक तल घर है। इसका उपयोग राजाओं द्वारा गर्मी के दिनों में एकांतवास के लिए किया जाता था। इसमें पानी के वेंटिलेशन की एक सरल प्रणाली है। जिससे तल घर का वातावरण गर्मी के दिनों में भी ठण्डा रहता था। 

               इस उद्यान में बड़गीर सावन भादो टावर भी स्थित है। इस बाग़ का निर्माण राजकुमार दिनमन हरदौल के स्मारक के रूप में बनाया गया था। कहा जाता है कि राजकुमार अपने बड़े भाई के सामने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अपनी दे दी थी। फूल बाग़ को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं। 

2.8 दाऊ जी की हवेली ओरछा Dau Ji ki Haveli Orchaa in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Dau Ji ki Haveli 

             दाऊ जी की हवेली ओरछा का एक खूबसूरत शाही महल है। इस महल की खूबसूरत और सूक्ष्म कला उस समय की निर्माण शैली को दर्शाती है। यह हवेली अपने उत्कृष्ट कुशलता के कारण दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हवेली बाहर और अंदर की ओर एक समान सुंदर है। इसकी दीवारों पर बने चमकीले चित्र महल की खूबसूरती को ओर बढ़ा देते हैं। 

2.9  ओरछा वन्य जीव अभ्यारण्य ओरछा    Orchha Wildlife Sanctuary Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Orchha Wildlife Sanctuary

             ओरछा में स्थित वन्यजीव अभ्यारण्य घूमने की बहुत खूबसूरत जगह है। यह उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन लोगों को वन्यजीवों में रूचि है और उन जीवों को नज़दीक से देखना पसंद करते हैं। इस अभ्यारण्य की स्थापना 1994 में की गई थी। यह अभ्यारण्य 46 वर्ग किलोमीटर आकार में फैला हुआ है। इस अभ्यारण्य में पर्यटकों को तेंदुए, बाघ, सियार, बंदर, मोर सहीत अन्य जीव एवं विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी भी देखने को मिलेंगे। 

3. ओरछा घूमने का सबसे अच्छा समय Best Time to Visit in Orchha in Hindi

ओरछा क्यों फेमस है। Orchha Kyu Famous Hai
Orchha

           ओरछा घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। क्योंकि इस समय मौसम बहुत सुहावना होता है, और यात्रा के लिए अनुकूल माना जाता है। 

         इसके अलावा यदि आप चाहे तो मानसून में भी यहाँ आ सकते हैं। क्योंकि यहाँ वर्षा ओह रूप से होती है। 

         गर्मियों के दिनों में यहाँ आने का सुझाव नहीं दिया जा सकता, क्योंकि गर्मियों के दिनों में यहाँ का तापमान 45 डिग्री तक हो जाता है। 

4. ओरछा में ठहरने के लिए स्थान Places to Stay in       Orchha in Hindi

        ओरछा में ठहरने के लिए बहुत से हाई बजट से लेकर लो बजट तक होटल्स उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार इन होटल्स का चयन कर सकते हैं।

कुछ होटल्स इस प्रकार हैं। 

  • निलयम हेरिटेज ओरछा (Nilayam Heritage Orchha) 
  • सनसैट बेकपैकर्स होस्टल (Sunset Backpakers Hostle) 
  • श्री राम होमस्टे (Shree Ram Homestay) 
  • एमपीटी शीश महल (MPT Sheesh Mahal Orchha) 
  • होटल दीप रिजेनसी (Hotle Deep Regency) 

5. ओरछा कैसे पहुंचे How to Reach Orchha in Hindi

         यदि आप ओरछा घूमने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बस, ट्रेन या हवाई जहाज से ओरछा आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

5.1 फ्लाइट से ओरछा कैसे पहुंचे How to Reach Orchha in Flight


             यदि आप फ्लाइट से ओरछा जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि ओरछा के लिए कोई सीधी फ्लाइट नहीं है। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर में है। यहाँ से ओरछा की दूरी 140 किलोमीटर है। यहाँ पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी के माध्यम से ओरछा पहुंच सकते हैं। 

5.2 ट्रेन से ओरछा कैसे पहुंचे How to Reach Orchha By Train in              Hindi


             यदि आप ओरछा ट्रेन से जाने का प्लान बना रहे हैं तो, ओरछा का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन झांसी है। यह ओरछा से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। झांसी भारत के सभी बड़े शहरों से रेलवे मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। झांसी पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी के द्वारा ओरछा पहुंच सकते हैं। 

5.3  सड़क मार्ग से ओरछा कैसे पहुंचे How to Reach Orchha By Road in Hindi


             यदि आप ओरछा सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो, यहाँ का सबसे नज़दीकी बस स्टैंड झांसी है, जो ओरछा से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बड़े शहरों से रोड मार्ग द्वारा आसानी से जुड़ा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा आप ओरछा पहुंच सकते हैं। आप अपने निजी साधन से भी आसानी से ओरछा पहुंच सकते हैं। 

यह भी देखें:

India Ka Switzerland।इंडिया का स्विट्जरलैंड

Venice Of India। इंडिया का वेनिस Alleppey

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शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal

 

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
माण्डू

            मांडू मध्यप्रदेश के ज़िला इंदौर में स्थित एक खूबसूरत पर्यटन और रियासती स्थल है। यह इंदौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह मध्यप्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल है। इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। यह स्थान रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर की अमर प्रेम कहानी का प्रतीक है। 

       मांडू को मांडवगढ़ भी कहा जाता था। मध्यप्रदेश में यह स्थान अपनी सुन्दर शिल्पकला और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मांडू में आपको खूबसूरत महल, झील और गुफाएं भी देखने को मिलेंगी। मांडू भारत के दिल में छिपा एक खूबसूरत ख़ज़ाना है। यहाँ की हरियाली और सुन्दरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। 

1. मांडू का इतिहास History of Mandu in Hindi

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
माण्डू

          पर्व तालकपूर राज्य से मिले एक शिलालेख के अनुसार, एक व्यापारी चंद्रसिंह ने मंडपा दुर्गा में स्थित पार्सवनाथ मंदिर में एक मूर्ति की स्थापना की। माण्डू उसी समय का बदला हुआ नाम है। एक शिलालेख के अनुसार 6 वीं शताब्दी में माण्डू एक समृद्ध शहर हुआ करता था। 10 वीं एवं 11 वीं शताब्दी में जयवर्मन द्वितीय से आरम्भ होने वाले परमारों के शासनकाल में माण्डू को प्रसिद्धि प्राप्त हुई। माण्डू परमार राजाओं का शाही निवास हुआ करता था।
           विंध्य पर्वत पर 2079 फीट की ऊँचाई पर स्थित माण्डू 13 किलोमीटर क्षेत्र पर फैला हुआ है। परमारों ने आक्रमण कारियों से सुरक्षित रहने के लिए अपनी राजधानी धार से माण्डू स्थानांतरित कर ली थी। क्योंकि की उत्तर में मालवा का पठार और दक्षिण में नर्मदा नदी की घाटी माण्डू को प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती है। 
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2. माण्डू में घूमने के स्थान Places to Visit in Mandu in Hindi

2.1. जहाज़ महल माण्डू Jahaz Mahal in Mandu in Hindi

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
जहाज़ महल माण्डू

          माण्डू में स्थित जहाज़ महल एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह महल अपने वास्तूशिल्प और अनूठे आकार के कारण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह महल दो तालाब मुंज और कपूर तालाब के बीच बनाया गया है। अफ़गान, मुग़ल, हिन्दू,और मैसोपोटामिया वास्तुकला शैलियों के मिश्रण से बना सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है। जहाज़ महल का निर्माण गयासुद्दीन खिलजी के द्वारा 1469 - 1500 के बीच एक हरम के रूप में किया गया था। तालाब के बीच यह महल जहाज़ की तरह दिखाई देता है, इस कारण इसे जहाज़ महल कहा जाता है। 

2.2 रुपमती महल माण्डू Roopmati Mahal in Mandu in Hindi

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
रुपमती महल माण्डू

           रुपमति महल का निर्माण राजा बाज बहादुर ने रानी रुपमति के लिए कराया था। राजा बाज बहादुर रानी रुपमति से अत्याधिक प्रेम करते थे। राजा रानी के कुछ कहने के पहले ही उनकी मन की बात समझ जाया करते थे। रानी रुपमति प्रति दिन स्नान के बाद नर्मदा नदी के दर्शन करतीं थीं, उसके बाद ही अन्न गृहण करतीं थीं। नर्मदा नदी के दर्शन में कोई बाधा न हो इस कारण राजा ने महल का निर्माण ऊंचे स्थान पर कराया। इस महल का निर्माण 3500 फिट की ऊंचाई पर रानी की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कराया गया था। स महल तक पहुंचने के लिए 12 दरवाज़ों से होकर गुज़रना पड़ता था। यह महल रानी रुपमति और बाज बहादुर के प्रेम का साक्षी है। इस महल से माण्डू की सारी खूबसूरती नज़र आती है। 

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2.3 बाज़ बहादुर का महल Baz Bahadur's Mahal in Mandu in Hindi

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बाज़ बहादुर का महल
 
         बाज़ बहादुर का महल माण्डू का एक और प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह महल रेवा कुण्ड के पास सुरम्य हरियाली के बीच स्थित है। महल के प्रवेश द्वार पर स्थित फारसी शिलालेख के अनुसार इस महल का निर्माण 1508 में सुल्तान नासीरुद्दीन द्वारा किया गया था। राजा बाज़ बहादुर ने इसका नवीनीकरण कराया था। इस महल की वास्तुकला राजपूत और मुग़ल शैली का मिश्रण है। मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुँचने के लिए 40 सीढियाँ हैं। मुख्य द्वार पर दो बड़े गुम्बद आने वालों का स्वागत करते हैं। इसके अलावा अन्दर की ओर एक बड़ा आंगन है, इसके चारों ओर हाॅल और कमरे बने हैं। इस महल के बीच में एक बड़ा सुन्दर जल कुण्ड बना है। महल की छत को ऊंचे गुम्बददार मंडपों से सजाया गया है। 

2.4 रेवा कुण्ड माण्डू Rewa Kund Mandu in Hindi

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रेवा कुण्ड माण्डू 

            रेवा कुण्ड माण्डू में स्थित एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। इस कुण्ड का निर्माण राजा बाज बहादुर द्वारा रानी रूपमती के महल में जल अपूर्ती के लिए कराया गया था। रानी रुपमति नर्मदा नदी की परम भक्त थीं, वह अपने महल से नर्मदा के दर्शन किया करतीं थीं। रानी रुपमति के आग्रह पर ही इस कुण्ड का निर्माण कराया गया था। नर्मदा नदी का पानी इस कुण्ड पर आता है। इसमें एक मण्डप बनाया गया है। इसके स्तम्भों और महराबों में विभिन्न शैलियों को प्रदर्शित किया गया है। जो पर्यटकों का मन मोह लेता है। 
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2.5 जामी मस्जिद माण्डू Jami Masjid in Mandu in Hindi

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जामी मस्जिद माण्डू

           माण्डू में स्थित जामी मस्जिद (जामा मस्जिद) ऐतिहासिक मस्जिद है। मुग़ल वास्तुकला शैली से निर्मित यह मस्जिद होशंगशाह के शासनकाल में बनाई गई थी और 1454 में महमूद खिलजी के शासनकाल में बन कर तैयार हुई थी। मस्जिद की छत तीन बडे़ गुम्बद, 54 छोटे गुम्बदों और खूबसूरत स्तम्भों से बनाई गई है। मस्जिद के बीच में एक बहुत बड़ा आंगन बनाया गया है। मस्जिद का पूरा क्षेत्रफल 83,150 वर्ग फिट है। मस्जिद में स्थित एक शिलालेख के अनुसार यह मस्जिद दमिश्क की मस्जिद के आधार पर बनाई गई है। मस्जिद की महराब को कुरआन की आयतों से सजाया गया है। 

2.6 होशंगशाह का मकबरा माण्डू Hoshang Shah Tomb in Mandu in Hindi

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होशंगशाह का मकबरा माण्डू

           माण्डू में स्थित होशंगशाह का मकबरा घूमने लायक एक बहुत खूबसूरत इमारत है। यह भारत का संगमरमर से बना पहला मकबरा है। इस मकबरे का निर्माण होशंगशाह ने कराया था। अफगान शैली में निर्मित , मकबरा एक चबूतरे पर एक चोकोर इमारत है। इसके शीर्ष पर एक बड़ा गुम्बद तथा कोनों पर छोटे गुम्बद बने हैं। कहा जाता है कि शाहजहाँ ने ताज महल का निर्माण इसी मकबरे से प्रेरित होकर किया था। यहाँ संगमरमर में की गई नक्काशी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। 
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2.7 दरिया खान का मकबरा Darya Khan's Tomb in Mandu in Hindi

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दरिया खान का मकबरा

            रिया खान का मकबरा माण्डू में स्थित एक और बहुत खूबसूरत इमारत है। यह इमारत महमूद खिलजी के शासनकाल में लाल पत्थर से बनाई गई थी। दरिया खान माण्डू दरबार के उच्चाधिकारी थे। इस मकबरे में तीन कबरें हैं, जो उनके परिवार के लोगों की हैं। यह मकबरा चबूतरे पर बना है, जिसकी दीवारों पर लाल पत्थर जड़ा गया है। पत्थर की जाली पर सुन्दर नक्काशी की गई है। इसकी छत पर एक बड़ा गुम्बद है और चारों कोनों पर छोटे छोटे गुम्बद हैं। यह मुग़ल शैली में बनाई गई बहुत खूबसूरत इमारत है। जिसे देखने पर्यटक अकसर यहाँ आते हैं। 

 2.8 हिंडोला महल माण्डू Hindola Mahal in Mandu in Hindi

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हिंडोला महल माण्डू 

              माण्डू में स्थित हिंडोला महल एक अद्भुत और खूबसूरत इमारत है। यह जहाज़ महल के पास स्थित है। हिंडोला महल माण्डू में शाही महलों में से एक है। इस महल का निर्माण 1425 में होशंगशाह के शासनकाल में हुआ होगा। इस महल उपयोग दरबार लगाने और मनोरंजन के लिए होता होगा। इस महल का निर्माण खूबसूरत नक्काशीदार बलुआ पत्थरों के स्तम्भ से किया गया है। इसकी बाहरी दीवारें 77 डिग्री पर झुकी ढालान वाली दीवारें हैं। जिसके कारण यह महल झूलता हुआ नज़र आता है। इस कारण यह हिंडोला महल कहलाता है। अगर आप माण्डू जाऐं तो हिंडोला महल घूमना न भूलें। 

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2.9 चम्पा बावली और हमाम माण्डू Champa Baoli And Hammam in Mandu in Hindi

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चम्पा बावली और हमाम माण्डू

              म्पा बावली माण्डू में स्थित एक और देखने लायक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। चम्पा बावली जहाज़ महल के परिसर में स्थित है। यह एक मुग़ल वास्तुकला का प्रतीक है। गर्मी के मौसम में अधिक तापमान के समय स्नानघर को ठण्डा रखने के लिए गुम्बददार कमरे बनाए गए हैं। बावली में बनाए गए कमरे भूलभुलैया की तरह हैं। बावली में उतरने के लिए संकीर्ण रास्ते बनाए गए हैं। चम्पा बावली के निर्माण के समय वायु एवं प्रकाश का उचित प्रबंधन किया गया था। इस बावली का नाम चम्पा बावली इसलिए रखा गया, क्योंकि इस बावली के पानी में चम्पा के फूल की सुगंध आती थी। 

2.10 तवेली महल माण्डू Taveli Mahal in Mandu in Hindi

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
तवेली महल माण्डू 
 
            माण्डू में स्थित तवेली महल एक आकर्षक और ऐतिहासिक संरचना है। यह मुग़ल और भारतीय शैली का मिश्रण है। यह महल जहाज़ महल के करीब है। मालवा सल्तनत के दौरान यह महल शाही घोड़ों के अस्तबल के रूप में काम करती थी, जिसे तबेला कहा जाता था। आज यह तवेली महल के नाम से जाना जाता है। आज तवेली महल को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। जहाँ माण्डू के समृद्ध आतीत की विभिन्न कलाकृतियों और पुरावशेषों को प्रदर्शित किया जाता है। 

3. माण्डू घूमने जाने का सबसे अच्छा समय Best Time to Visit Mandu in Hindi

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
माण्डू

              माण्डू पूरे वर्ष में कभी भी घूमने जा सकते हैं। गर्मी के दिनों में माण्डू घूमना मुश्किल हो जाता है। माण्डू घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है। इस समय मोसम सुहावना होता है, जो घूमने के लिए सबसे अनूकूल समय है। सर्दियों के मोसम में माण्डू की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है, जिसे देखने के लिए पर्यटक माण्डू की ओर आकर्षित होते हैं। 

4. माण्डू कैसे पहुंचे How to Reach Mandu in Hindi

माण्डू में घूमने के लिए 10 खूबसूरत स्थल। Mandu me Ghumne ke liye 10 Khubsurat sthal
माण्डू

         माण्डू मध्य प्रदेश के बड़े शहरों इंदौर, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर आदि से जुड़ा हुआ है। जहाँ से आप फ्लाइट, बस,ट्रेन और कार द्वारा आसानी से माण्डू पहुँच सकते हैं। 

4.1 फ्लाइट से माण्डू कैसे पहुंचे How to Reach Mandu By Flight in Hindi

           माण्डू में कोई हवाई अड्डा नहीं है। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्या बाई होल्कर इंदौर में स्थित है। यह हवाई अड्डा माण्डू से 59 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो देश के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। किसी भी शहर से फ्लाइट से इंदौर पहुंचा जा सकता है। इंदौर पहुंचने के बाद बस, टैक्सी या केब से माण्डू पहुंच सकते हैं। 

4.2 सड़क मार्ग से माण्डू कैसे पहुंचे How to Reach Mandu by Road in Hindi


          माण्डू मध्य प्रदेश के बड़े शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इंदौर, भोपाल, रतलाम, जबलपुर आदि शहरों से बस द्वारा आसानी से माण्डू पहुँच सकते हैं। इसके अलावा आप कार या टैक्सी से भी यात्रा कर सकते हैं। 

4.3 रेल मार्ग से माण्डू कैसे पहुंचे How to Reach Mandu by Train


         
माण्डू का निकटतम रेलवे स्टेशन इंदौर है। इंदौर से माण्डू की दूरी 97 किलोमीटर है। किसी भी बड़े शहर से आप रेल मार्ग द्वारा इंदौर आसानी से पहुंच सकते हैं। इंदौर से बस, टैक्सी या केब के द्वारा माण्डू पहुंच सकते हैं।