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Mysore |
मैसूर कर्नाटक राज्य का एक ज़िला है और राज्य का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यह पहले कर्नाटक राज्य की राजधानी भी रहा है। इसे पैलेस नगरी भी कहा जाता है। मैसूर में घूमने की जगह बहुत खूबसूरत हैं। यह सुंदरता के साथ साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसका इतिहास सदियों पुराना है।
यहाँ 4 वीं सदी से लेकर 19 वीं सदी तक कई राज वंशों ने शासन किया। जिसमें प्रमुख सातवाहन वंश, कदंब वंश, पल्लव वंश, गंग वंश, चालुक्य वंश, हैदर अली, टीपू सुल्तान और फिर अंग्रेज़ों का शासन रहा। मैसूर को भारत प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में भी जाना जाता है। कर्नाटक में मैसूर दार्शनिक स्थलों का केंद्र है, जिसे निहारने के लिए दूर दूर से पर्यटक लाखों की संख्या में आते हैं। दशहरा के समय इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है।
1. मैसूर में घूमने के प्रमुख पर्यटन स्थल Major Tourist Places Visit in Mysore
1.1 मैसूर पैलेस Mysore Palace in Hindi
मैसूर पैलेस मैसूर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। मैसूर पैलेस शाही परिवार का आवास रहा है। यह पैलेस भारत के सबसे खूबसूरत पैलेस में शुमार है। यह कला और सांस्कृतिक का बेजोड़ नमूना है।इस पैलेस ने कई राजाओं का शासन देखा है। यह भव्य महल ताजमहल के बाद भारत की दूसरी सबसे खूबसूरत इमारत है। मैसूर पैलेस का इतिहास बहुत पुराना है।
यहाँ 14 वीं शताब्दी में बनाया गया लकड़ी का महल था, जिस में आग लगने के कारण जल गया था। वर्तमान जो खूबसूरत इमारत है ,उसे 1912 में कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ ने बनवाया था। इसमें सुनहरा हौदा भी है, यह हौदा 80 किलोग्राम सोने से बनाया गया है। इस महल के करीब एक रेजिडेंशियल म्यूजियम भी बना है। इस म्यूजियम में मैसूर में राज करने वाले राजाओं के फोटोग्राफ्स, पेंटिंग, आभूषण, विंटेज फर्नीचर, पोशाक आदि देखने को मिलती हैं। इस महल का निर्माण कार्य ब्रिटिश वास्तुकार लाॅर्ड हैनरी इरविन को सौंपा गया था। उस समय महल के निर्माण में लागत लगभग 42 लाख रुपये आई थी।
1.2 जगमोहन पैलेस मैसूर Jagmohan Palace Mysore Hindi
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Jagmohan Palace Mysore |
जगमोहन पैलेस मैसूर में स्थित खूबसूरत पैलेस में से एक है। इसकी डिज़ाइन और शैली बहुत ही सुंदर और देखने लायक है। यह मैसूर का सबसे पुराना महल है। इसका निर्माण 1861 में कृष्णराज वोडेयार तृतीय ने कराया था। जब मैसूर पैलेस में आग लगने की घटना घटी तब महाराज कृष्णराज वोडेयार ने अपना निवास स्थान जगमोहन पैलेस में बना लिया था। इसके अलावा जगमोहन पैलेस का उपयोग कई समारोहों के संचालन के लिए किया जाता था।
India Ka Switzerland।इंडिया का स्विट्जरलैंड
जगमोहन पैलेस हिन्दुओ की पारम्परिक वास्तुकला डिज़ाइन शैली का एक खूबसूरत नमूना है। जगमोहन पैलेस को 1915 में आर्ट गैलरी के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था। यह मैसूर की सबसे खूबसूरत आर्ट गैलरी है।जिसमें कई प्रकार की प्राचीन कलाकृतियां, राजाओं की उपयोग की वस्तुएँ, हथियार और 2000 पेंटिंग्स शामिल हैं।
1.3 समर पैलेस मैसूर Summer Palace Mysore Hindi
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Summer Palace Mysore |
समर पैलेस मैसूर के खूबसूरत महलों में से एक है। यह श्रीरंगपटनम में स्थित है। इसका निर्माण टीपू सुल्तान ने 18 वीं शताब्दी में कराया था। इस महल को दरिया दौलत बाग भी कहा जाता है। यह महल सागोन की लकड़ी से बनाया गया है। जिसमें बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गई है। जो महल की खूबसूरती को बढ़ा देती है। यह महल इंडो इस्लामिक शैली में बनाया गया है। इस महल के कुछ हिस्से को संग्रहालय में बदल दिया गया है, जो ऐतिहासिक और टीपू सुल्तान की जीवनी पर आधारित है। यहाँ कुछ ऐतिहासिक कलाकृतियां मौजूद है जो आपको इतिहास में ले जाती हैं।
1.4 रेल संग्रहालय मैसूर Rail Archive Mysore Hindi
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Rail Archive Mysore |
Venice Of India। इंडिया का वेनिस Alleppey
1.5 सोमनाथपुरा मंदिर Somnathpura Tample Hindi
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Somnathpura Tample |
इसे चिन्नाकैशव मंदिर या कैशव मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर सोमनाथपुरा में कावेरी नदी के तट पर स्थित है। मंदिर का निर्माण 1258 ई. में होयसला राजा नरसिम्हा तृतीय के सेनापति सोमनाथ दंडनायक द्वारा कराया गया था। यह मंदिर मैसूर शहर से 38 किलोमीटर दूर है। मंदिर होयसल वास्तुकला का एक आदर्श नमूना है।
केशव मंदिर होयसला साम्राज्य के राजाओं द्वारा बनाए गए 1500 हिन्दू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की आंतरिक दीवारों, बाहरी दीवारों, स्तम्भों, और छत पर हिन्दू धर्म की धार्मिक प्रतिमाओं को जटिल रूप से उकेरा गया है। यह प्रतिमाएँ पर्यटकों को आचम्भित कर देती हैं। क्योंकि ये प्रतिमाएँ पत्थरों पर उकेरी गई हैं।
1.6 वृंदावन गाॅर्डन मैसूर Vrindavan Gardens Mysore Hindi
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Vrindavan Gardens Mysore |
वृंदावन गाॅर्डन कर्नाटक में घूमने की बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहाँ अनेक प्रकार के फूल और पौधे हैं, जिनहें देखकर आप हैरान रह जाएंगे। इस गाॅर्डन का निर्माण 1927 में शुरू हुआ और 1932 समाप्त हुआ। वृंदावन गाॅर्डन 60 ऐकड़ भूमी पर फैला हुआ है। यहाँ मुख्य आकर्षण का केंद्र म्यज़िकल फाउन्टेन है। यहाँ की सुन्दरता पर्यटकों के मन में घर कर जाती है।
1.7 श्री चामराजेन्द्र प्राणी उद्यान Shri Chamrajendr Animal Park Hindi
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Shri Chamrajendr Animal Park |
मैसूर चिड़ियाघर या श्री चामराजेन्द्र प्राणी उद्यान मैसूर पैलेस के पास स्थित है। यह 150 ऐकड़ भूमि में फैला हुआ है। इस उद्यान में लगभग 160 प्रकार के जानवरों और पक्षियों की प्रजातियां स्थित हैं। यह चिड़ियाघर देश के सबसे पुराने चिड़ियाघर में से एक है। इस उद्यान की स्थापना महाराजा चामराजा वोडेयार द्वारा 1892 में की गई थी। यह उद्यान मैसूर पैलेस के पास स्थित है। इस उद्यान में बाघ, शेर, गेंडा, कछुआ, बबून, बन्दर,जिराफ़, सरिसृप, ज़ेबरा आदि जानवर देखने को मिलेंगे। इसके अतिरिक्त यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों में राज हंस, मैकाॅ, मोर आदि शामिल हैं।
1.7 सेंट फिलोमिना चर्च Sat. Philomena Church Mysore Hindi
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Sat. Philomena Church Mysore |
सेंट फिलोमिना चर्च मैसूर में स्थित घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह ईसाइयों का तीर्थ स्थल भी है। यह एक रोमन कैथोलिक चर्च है। इसे सेंट जोसेफ कैथेड्रल के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 1936 में सेंट फिलोमिना एक लेटिन कैथोलिक संत और रोमन कैथोलिक चर्च की शहीद हैं, की याद में बनाया गया था। यह एशिया का सबसे ऊँचा चर्च है। यह चर्च नव गोथिक शैली में बनाया गया है। इसकी वास्तुकला जर्मनी में कोलोन कैथेड्रल से प्रेरित है। यह बहुत ही खूबसूरत स्थान है, मैसूर जाएं तो यहाँ जाना न भूलें।
1.8 गुम्बज-ऐ-शाही मैसूर Gumbaj-e- Shahi Mysore Hindi
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Gumbaj-e-Shahi Mysore |
गुम्बज- ऐ-शाही श्री रंगपटनम में स्थित एक मकबरा है। जिसका निर्माण टीपू सुल्तान ने 1782-1784 में अपने पिता हैदर अली और माता फ़ख्र-उन-निशा की समाधि के लिए बनाया था। लेकिन 1799 में टीपू सुल्तान अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए। अंग्रेजों ने उन्हें वहीं दफनाने की अनुमति दे दी। मकबरा सूर के बगीचे से घिरा हुआ था, जिसमें फ़ारस, ओटोमन तुर्की,काबुल, फ्रेंच माॅरीशस से टीपू सुल्तान द्वारा लाए गए फ़ूलों के पेड़ और पौधों की विभिन्न प्रजातियां हैं।
1.9 करणजी झील Karanji Lake Mysore Hindi
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Karanji Lake Mysore |
मैसूर में स्थित करणजी झील एक बहुत खूबसूरत पिकनिक स्थल है। इसे फव्वारा झील भी कहते हैं। यहाँ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आ सकते हैं। यहाँ अपना खाना साथ ला सकते हैं और वहाँ खा सकते हैं। जो लोग पक्षी प्रेमी हैं, यह जगह उन लोगों के लिए बहुत ही खास है। यहाँ पक्षियों की 147 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसके पास ही एक बटरफ्लाई पार्क है, जहाँ रंग बिरंगी तितलियों की 45 से अधिक प्रजातियां हैं। यहाँ आप कुछ देर सुकून के पल बिता सकते हैं।
2. मैसूर में खाए जाने वाले प्रमुख भोजन Famous Food of Mysore
अगर आप मैसूर जा रहें हैं तो वहाँ घूमने के साथ साथ वहाँ के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेना न भूलें। मैसूर में शाकाहारी व्यंजनों में अनेक व्यंजन हैं, जिनका स्वाद आप भूल नहीं पाएंगे। मैसूर के भोजनों में मुख्य भोजन इस प्रकार हैं, मैसूर मसाला डोसा, मैसूर इडली, कोरी गस्सी, वड़ा, बिसी बेले स्नान(बिसी बेले बाथ) , खरा स्नान(रवा बाथ) ,मैसूर पाक, मैसूर बोंडा , नीर डोसा, पोलीहोरा, उत्तपम आदि व्यंजन प्रमुख हैं। मैसूर जाएं तो इन व्यंजनों का स्वाद ज़रूर लें।
3. मैसूर कैसे पहुंचे How to Reach Mysore
3.1 ऐरोप्लेन से मैसूर कैसे पहुंचे How to Reach Mysore by Airplane
आप ऐरोप्लेन से मैसूर जाना चाहते हैं तो बैंगलोर यहाँ का अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यहाँ के लिए आप को कोई भी बड़े शहर से फ्लाइट उपलब्ध है। मैसूर में भी घरेलू हवाई अड्डा है, जो बैंगलोर, दिल्ली, मुम्बई से जुडा़ हुआ है।
3.2 रेल मार्ग से मैसूर कैसे पहुंचे How to Reach Mysore By Train
मैसूर शहर का रेल्वे स्टेशन शहर के बीच में स्थित है। यहाँ से आप टैक्सी के द्वारा जहाँ भी जाना चाहते हैं जा सकते हैं।
3.3 मैसूर सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे How to Reach Mysore by Road
अगर आप सड़क मार्ग से मैसूर जाना चाहते हैं तो बैंगलोर से मैसूर 139 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से कर्नाटक परिवाहन निगम यात्रियों को अच्छी सुविधा प्रदान करता है।
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