बुधवार, 24 अप्रैल 2024

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas

 

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Alwar Fort

                  राजस्थान के प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में से एक अलवर बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है| इसका इतिहास 1500 ईसा पूर्व का माना जाता है |यह सम्रध्य और गौरवशाली इतिहास के लिए जाना जाता है |अलवर में घूमने की जगह बहुत खूबसूरत हैं | यहाँ की अद्भुत वास्तुकला और निर्माण शैली लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है | अरावली पर्वत माला से घिरा यह शहर अपनी प्राचीन कला और सांस्क्रति को संजोए हुए है |यह शहर अपने सूरवीरों की गाथाएँ सुनाता है |यहाँ के किले और हवेलियाँ वीर योद्धाओं की दिलचस्प कहानी बयान करती हैं |जिन्हें देख कर लोगों के दिलों में रोमांच सा भर जाता है | अलवर के प्रमुख आकर्षण यहाँ के किले ,महल ,झील और धार्मिक स्थल हैं |

इस लेख में अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताया जा रहा है |

CONTANT LIST

1. अलवर का इतिहास History Of Alwar

2. अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थल Best Tourist Places of Alwar in Hindi

2.1 बाला किला अलवर – Bala Fort Alwar in Hindi

2.2 भानगढ़ किला- Bhangarh Fort Alwar in Hindi

2.3 सिलीसेढ़ झील- Siliserh Lake Alwar in Hindi

2.4 सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण – Sariska Wildlife Sanctury Alwar in Hindi

2.5 सरिस्का पैलेस – Sariska Palace in Hindi

2.6 केसरोली- Kesroli Alwar in Hindi

2.7 सिटी पैलेस – City Palace Alwar in Hindi

2.8 नीलकंठ महादेव मंदिर – Neelkanth Mahadev Temple  Alwar in Hindi

2.9 मोती डूंगरी – Moti Dungri Alwar in Hindi

2.10 विजय मंदिर महल – Vijay Mandir Palace Alwar in Hindi

2.11 मूसी महारानी छतरी – Moosi Mharani Ki Chhatri Alwar in Hindi

3. अलवर जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Alwar in Hindi

4. अलवर कैसे पहुंचें – How To Reach Alwar in Hindi

4.1 हवाई मार्ग से अलवर कैसे पहुंचे - How To Reach Alwar By Air in Hindi

4.2 सड़क मार्ग से अलवर कैसे पहुंचे - How To Reach Alwar By Road in Hindi

4.3 ट्रेन से अलवर कैसे पहुंचे - How To Reach Alwar By Train in Hindi

1. अलवर का इतिहास History Of Alwar

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Alwar 

            इसका इतिहास महाभारत काल का बताया जाता है |यहां पर रजा विराट के पिता वेणु ने मत्स्यपुरी नामक नगर बसाया था |सरिस्का में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहाँ निवास किया था |इस क्षेत्र पर राजपूत वंश से लेकर चौहान ,क्षत्री राजवंशों ने शासन किया |चौहान वंश के बाद यहाँ खानजादे ,मुग़ल ,जाट ,मराठा का अधिकार रहा | शोध से यह पता चलता है की आमेर के राजा काकिलदेव के पुत्र अलघराज ने 1049 में अपने नाम पर अलघपुर राज्य बसाया जो बाद में अलवर कहलाने लगा |सन 1205 में कुतुबुद्दीन ऐबक चौहानों से यह देश छीन कर दुबारा राजपूतों को दे दिया |1775 ईसवी को मोहब्बत सिंह के पुत्र प्रताप सिंह ने आधुनिक अलवर राज्य की नीव रखी|

और देखें : Kumbhalgarh Fort|इस किले में है भारत की सबसे लम्बी दीवार|जानिए इतिहास और वास्तुकला

2. अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थल Best Tourist Places of Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Alwar 

              अलवर राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है |यह अपने खोबसूरत महलों और किलों के कारण यह आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ है |यहाँ हम आपको अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं |

2.1 बाला किला अलवर – Bala Fort Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Bala Fort Alwar

           अलवर का बाला किला यहाँ का प्रमुख पर्यटन स्थल है |यह सैलानियों की घूमने की सबसे पसंदीदा स्थल है|यह अलवर का सबसे पुराना किला है |यह किला 300 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बनाया गया है ,कहा जाता है की यह किला बाबर के समय से भी पहले बनाया गया था | इस किले का निर्माण किसने किया इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है |कुछ के अनुसार इसका निर्माण15 वीं शताब्दी में निकुम्भ राजपूत द्वारा और कुछ के अनुसार हसन खान मेवाती द्वारा निर्मित मानते हैं |बाला किला 1545 से 1755 तक मुग़लों के अधीन रहा |इस के बाद सूरजमल जाट ने इस किले पर अधिकार कर लिया |इस किले के 6 द्वार बनाए गए हैं,जिनके नाम इस प्रकार हैं,सूरज पोल,चाँद पोल ,कृष्ण पल ,लक्ष्मण पोल ,जय पोल और अँधेरी पोल हैं |

2.2 भानगढ़ किला- Bhangarh Fort Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Bhangarh Fort Alwar

               भानगढ़ किला अलवर का एक और प्रसिध्य दर्शनीय स्थल है |यह किला अलवर में सरिस्का टाइगर रिज़र्व के पास अरावली पहाड़ियों के तल पर स्थित है | इस किले का निर्माण 17 वीं शताब्दी में मान सिंह प्रथम कुशवाहा ने अपने छोटे भाई माधो सिंह कुशवाहा के लिए करवाया था |इस किले में खूबसूरत शिल्पकारी की गई है |इस किले में में प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं |इस किले में पांच द्वार बनाय गए हैं | यह एक शानदार किला है ,जो की बहुत बड़े आकार में बनाया गया है |यह किला भारत के सबसे डरावने किलों में गिना जाता है | अतीत में हुई कुछ अप्राकृतिक घटनाओं के कारण यह किला भूतिया किला कहलाता है |इस किले में रात के समय में लोंगों के जाने में रोक लगा दी गई है | 

और देखें : Asirgarh Fort | भारत का एक रहस्यमय किला | इतेहास और स्थापत्य कला

2.3 सिलीसेढ़ झील- Siliserh Lake Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Siliserh Lake Alwar

                सिलीसेढ़ झील अलवर के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है |यह झील तीन ओर से अरावली पहाड़ियों से घिरी हुई है |यह एक प्राकृतिक झील है ,जो अपनी सुन्दरता से पर्यटकों का मन मोह लेती है | यह झील 7 वर्ग किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में फैली है | इस झील के किनारे लेक पैलेस स्थित है ,जिसका निर्माण सन 1844 ईसवी में महाराजा विनय सिंह ने अपनी रानी शीला के लिए करवाया था |इस पैलेस को अब एक शानदार होटल में बदल दिया गया है |

2.4 सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण – Sariska Wildlife Sanctury Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Sariska Wildlife Sanctury Alwar

                 अलवर जिले में स्थित सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण भारत के प्रसिध्य राष्ट्रिय उद्धानो में से एक है |इसकी स्थापना 1955 में की गई थी |यह उद्धान 866 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है |1978 में इसे बाघ परियोजना के तहत बाघ रिज़र्व का दर्जा दिया गया | सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण में बाघ ,चीता ,तेंदुआ ,जंगली बिल्ली ,धारीदार बिज्जू ,सियार ,चीतल ,साभर ,नीलगाय ,चिकारा ,चार सींग शामिल म्रग,पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ और सरिस्रप आदि वन्य जीव देखने को मिलते हैं |वन्य जीव और प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह अभ्यारण किसी स्वर्ग से कम नहीं है |

और देखें : जूनागढ़ किला बीकानेर। राजस्थान का ज़ेवर। Junagarh Fort Bikaner । Rajasthan ka Zaiver

2.5 सरिस्का पैलेस – Sariska Palace Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
 Sariska Palace Alwar

                सरिस्का पैलेस अलवर का एक बहुत खूबसूरत और देखने लायक स्थान है |इस महल का निर्माण 1892 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा किया गया था |यह महल सरिस्का राष्ट्रिय उद्धान के पास होने के कारण इसकी सुन्दरता और भी बढ़ जाती है |यह महल हरे भरे जंगलों के बीच 20 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है |इस महल का निर्माण सवाई जय सिंह ने अपने और आने वाले महमानों के लिए शिकार गाह के रूप में करवाया था |इस महल की भव्यता देखने लायक है |इस महल की सुन्दरता और वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है |अब इस पैलेस को पर्यटकों के लिए पांच सितारा होटल में बदल दिया गया है |यह राजस्थान के सबसे लोकप्रिय धरोहर में से एक है |

2.6 केसरोली- Kesroli Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Kesroli Alwar

                अलवर में स्थित केसरोली एक पहाड़ी किला है ,जिसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था |पहाड़ी पर होने के कारण यह एक शानदार नज़ारे को पेश करता है |यह किला मज़बूत दीवारों से घिरा ग्रेनाईट से बना है |इस किले की सुन्दरता और वास्तुकला लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है |इस किले को एक सुन्दर हैरिटेज होटल में बदल दिया गया है |जो लोग अपनी छुट्टियाँ बिताने ज्यादा दूर नहीं जा पाते ,उन लोंगों के लिए यह एक शानदार डेस्टिनेशन है |इस महल में 100 से अधिक लोग रह सकते हैं |

और देखें : जैसलमेर फोर्ट।दुनिया के सबसे बडे़ रेगिस्तान में बना किला।Jaisalmer Fort।Duniya ke Sabse Bade Registan Me Bana Kila

2.7 सिटी पैलेस – City Palace Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
City Palace Alwar

                सिटी पैलेस अलवर का एक बहुत ही खूबसूरत देखने लायक स्थल है |यह किला बाला किले के ठीक नीचे अरावली पहाड़ी की तलहटी पर बनाया गया है |इस महल का निर्माण महाराजा विनय सिंह ने 1815 में करवाया था |इस महल को विनय विलास महल भी कहा जाता है |यह किला मुग़ल और राजपूत वास्तुकला का बेजोड़ मिश्रण है |इस महल को ऐतिहासिक संग्रहालय में बदल दिया गया है |इस संग्रहालय में अनेक राजाओं की तस्वीरें ,फर्नीचर ,हथियार और भी वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है |यह एक मात्र स्थान है जहाँ मुग़ल और राजपूत राजाओं की सम्रद्धि की झलक मिल सकती है |

2.8 नीलकंठ महादेव मंदिर – Neelkanth Mahadev Temple  Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Neelkanth Mahadev Temple  Alwar

                नीलकंठ महादेव मंदिर अलवर जिले के राजगढ़ तहसील में स्थित एक आकर्षक स्थल है |यह मंदिर हिन्दू देवता शिव को समर्पित है |यह मंदिर महाराजाधिराज मथन्देव द्वारा 10 वीं शताब्दी में बनाया गया था |यह मंदिर अब अपनी जीर्ण शीर्ण अवस्था में है |इस मंदिर का कुछ हिस्सा धराशायी हो गया है ,लेकिन बीच का हिस्सा अभी भी सही अवस्था में है |इस मंदिर चारों ओर पत्थर में कलात्मक तरीके से मूर्तियाँ बनाई गयीं हैं |यह एक धार्मिक स्थल है ,जिसे देखने के लिए पर्यटकों का ताँता लगा होता है |

और देखें :लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg

2.9 मोती डूंगरी – Moti Dungri Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Moti Dungri Alwar

                मोती डूंगरी अलवर में स्थित एक अनोखा पर्यटन स्थल है |यहाँ स्थित शाही महल का निर्माण महाराजा मंगल सिंह द्वारा 1882 में किया गया था |यह महल शाही परिवार का निवास स्थान हुआ करता था |वर्ष 1928 तक यहाँ शाही परिवार ने निवास किया एवं इसके बाद महाराजा जय सिंह ने इस पुराने महल को तुड़वाकर इसकी जगह एक और शानदार महल का निर्माण कराया |यहाँ एक खूबसूरत पार्क भी है |यहाँ एक अनोखा पवित्र मंदिर भी है ,जहाँ हिन्दू और मुस्लिम एक साथ प्रार्थना करते हैं |यहाँ हनुमान मंदिर और सैय्यद दरबार एक ही परिसर में स्थित हैं |

2.10 विजय मंदिर महल – Vijay Mandir Palace Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Vijay Mandir Palace Alwar

                 विजय मंदिर महल अलवर का ख़ास आकर्षण स्थल है |इसका निर्माण 1918 में महाराजा जयसिंह द्वारा किया  गया था | यह महाराजा जय सिंह का आवासीय महल था |यह महल झील के किनारे स्थित होने के कारण इसे झील महल भी कहा जाता है |इसका ढांचा एवं वास्तुकला दुसरे महलों से बिलकुल अलग है |इस महल में 105 क्क़मरे हैं ,जिन्हें खूबसूरत तरीके से बनाया गया है |इस महल के परिसर में एक खूबसूरत सीता राम मंदिर भी है |

और देखें : ओरछा क्यों फेमस है? Orchha Kyu Famous Hai?

2.11 मूसी महारानी छतरी – Moosi Mharani Ki Chhatri Alwar in Hindi

अलवर में घूमने की जगह और इतिहास |Alwar Me Ghoomne Ki Jagah Or Itihaas
Moosi Mharani Ki Chhatri Alwar

                 मूसी महारानी छतरी अलवर में स्थित एक खूबसूरत स्मारक है |इसका निर्माण विमय सिंह द्वारा अलवर के शासक महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी की याद में बनाया गया था |मूसी महारानी ने अपने पति की चिता पर सती कर लिया था |इस स्थान पर महाराजा बख्तावर सिंह और रानी मूसी की शाही समाधि स्थित है |यह स्मारक लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है |

3. अलवर जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Alwar in Hindi

              यदि आप अलवर के पर्यटन स्थल घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो ,आपको बता दें की गर्मियों के दिनों में यहाँ का तापमान बहुत अधिक होता है |इस लिए गर्मियों में इस शहर की यात्रा करने से बचें |अलवर की यात्रा करने क सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है |यह मौसम यात्रा करने के लिए अनुकूल मन जाता है|

4. अलवर कैसे पहुंचें – How To Reach Alwar in Hindi

         अलवर शहर भारत के बड़े शहरों से रोड मार्ग ,रेल मार्ग और हवाई मार्ग के द्वारा आसानी से जुड़ा हुआ है |आप इनमें से कोई भी साधन से अलवर पहुँच सकते हैं |

4.1 हवाई मार्ग से अलवर कैसे पहुंचे - How To Reach Alwar By Air in Hindi


           अलवर पहुँचने के लिए कोई भी सीधी फ्लाइट उपलब्ध नहीं है |अलवर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है ,जो अलवर से 165 कलोमीटर की दूरी पर है |यहाँ से आप टेक्सी ,कैब या बस ज़रिये अलवर पहुँच सकते हैं |

4.2 सड़क मार्ग से अलवर कैसे पहुंचे - How To Reach Alwar By Road in Hindi


         सड़क मार्ग से अलवर पहुँचने के लिए राज्य के बड़े शहरों से नियमित बस सेवायें उपलब्ध हैं |आप रात या दिन में किसी भी समय बस के द्वारा अलवर पहुँच सकते हैं |जयपुर या जोधपुर आदि स्थानों से आप कैब या टेक्सी से भी अलवर पहुँच सकते हैं |

4.3 ट्रेन से अलवर कैसे पहुंचे - How To Reach Alwar By Train in Hindi


          अलवर जंक्शन,अलवर शहर का रेलवे स्टेशन है |अलवर पहुँचने के लिए भारत के सभी बड़े शहरों से नियमित रूप से ट्रेन संचालित हैं |आप ट्रेन के माध्यम से आसानी से अलवर पहुँच सकते हैं |

 

FAQ

Q.1. अलवर किसके लिए प्रसिध्द है?

Ans. अलवर अपने रॉयल प्लैसों ,भव्य किलों ,झीलों और वन्य जीव अभ्यारण के लिए जाना जाता है |           यह अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए हुए है |

Q.2. अलवर को पहले किन नामों से जाना जाता था?

Ans. अलवर के प्राचीन नाम मत्स्य्नगर ,अर्वलपुर,शालवापुर,हलवार आदि नाम हैं |

Q.3. अलवर की राजधानी क्या थी ?

Ans. अलवर रियासत भारत में राजपूत राजवंश द्वारा शासित एक रियासत थी |जिसकी राजधानी                 अलवर नगर थी |

 

            आपको अलवर के बारे में यह जानकारी कैसे लगी ,हमें कमेंट करके बताइए |इसी तरह की जानकारी देखने के लिए फेसबोक ,instagraam पर फालो करें |

 


 

बुधवार, 17 अप्रैल 2024

Kumbhalgarh Fort|इस किले में है भारत की सबसे लम्बी दीवार|जानिए इतिहास और वास्तुकला

 

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort

               राजस्थान भारत का एक ऐसा राज्य है ,जहाँ अधिक संखिया में किलों की सुन्दरता के लिए जाना जाता है | इस राज्य को सुंदर और खूबसूरत किलों का गढ़ कहा जाता है | इस राज्य में प्रसिद्ध और ऐतेहासिक किले हैं ,जो सम्रध्य इतिहास और अनूठी निर्माण शैली के लिए जाने जाते हैं |ऐसा ही एक किला है ,Kumbhalgarh Fort जिसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक देश और विदेश से यहाँ आते हैं |

          इसी तरह राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले में स्थित कुम्भलगढ़ एक छोटा शहर और नगर पालिका है |कुम्भलगढ़ शहर , कुम्भलगढ़ किले के लिए जाना जाता है | ये किला भारत के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किलों में से एक है |यह किला 15 वीं शताब्दी में राणा कुम्भा द्वारा बनाया गया था|यह किला भारत की सबसे लम्बी दीवार के लिए भी जाना जाता है |यह दीवार चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |

1. कुम्भलगढ़ किले का इतिहास  History of Kumbhalgarh Fort in Hindi

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort

                 कुम्भलगढ़ किला भारत के राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले में अरावली पहाड़ियों पर स्थित है |इस किले का निर्माण राणा कुम्भा ने 15 वीं शताब्दी में कराया था |उन्हें के नाम पर इस किले का नाम कुम्भलगढ़ पड़ा |यह उदयपुर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |कुम्भलगढ़ किला महाराणा प्रताप की जन्म स्थली भी है |ये एक अभेद्य किला है | इस किले की दीवार भारत की सबसे लम्बी और दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |इस दीवार की लम्बाई 38 किलोमीटर और चौडाई 21 फिट है |जो किले को चारों और से घेरे हुए है |राणा कुम्भा ने उस समय के प्रसिद्ध वास्तुकारमंडनकी सहायता ली थी|कहा जाता है की राणा कुम्भा ने अपने अधीन 84 किलों में से 32 का निर्माण कराया था,जिसमे कुम्भलगढ़ सबसे बड़ा और विस्तृत है |

               यह किला सबसे सुरक्षित किला भी माना जाता है |यह किला वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बनाया गया है |इस किले में प्रवेश द्वार ,प्राचीर ,जलाशय ,आपातकालीन द्वार ,महल ,मंदिर ,आवासी इमारतें ,यज्ञ वेदी ,स्तम्भ ,छतरियां आदि बने हैं |मेवाड़ के शासकों ने खतरे के समय इस किले का उपयोग शरण स्थल के रूप में किया |इस किले पर अनेकों बार घेरा बंदी की गई,लेकिन इसे कोई जीत नहीं पाया|1577 में अकबर के सेनापति शाहबाज़ खां ने इस किले की 6 माह की घेरा बंदी के बाद इस किले पर कब्ज़ा करने में सफल रहा| लेकिन 1588 में प्रताप ने इस किले पर पुनः कब्ज़ा कर लिया|फिर 18 वीं शताब्दी में इस किले पर अंग्रेजों का कब्ज़ा हो गया |

और देखें :Asirgarh Fort | भारत का एक रहस्यमय किला | इतेहास और स्थापत्य कला


2. कुम्भलगढ़ किले की वास्तुकला  Architecture of Kumbhalgarh  Fort in Hindi 

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort

                    इस किले का निर्माण प्रसिध्य वास्तुकार मंडन द्वारा किया था,जिन्होंने संरचना में कलात्मक और रक्षात्मक दोनों तत्वों को शामिल किया था |यह किला अरावली पर्वतमाला की चोटी पर समुद्र ताल से 1,100 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया है |किले की बुर्ज वाली दीवार 36 किलोमीटर तक फैली हुई है |इस दीवार की मोटाई 21 फिट है |यह दीवार दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |इस किले में सात प्रवेश द्वार हैं |किले के भीतर 360 जैन और हिन्दू मंदिर स्थित हैं |पहाड़ी स्थान के कारण,किले की संरचना राजपूत और मुग़ल स्थापत्य शैली में की गई है | इस किले पर जल आपूर्ति के लिए ढलाव दार स्थान पर सीढ़ी दार बावड़ियाँ बनाई गई हैं |कुम्भलगढ़ किला मेवाड़ की स्थापत्य कला और सैन्य कौशल का बेजोड़ नमूना है | यह किला अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है |

3. कुम्भलगढ़ किले में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल  Famous Tourist Places in                                Kumbhalgarh Fort in Hindi

3.1 बादल महल  Baadal Mahal

                   बादल महल राणा फतह सिंह द्वारा निर्मित कुम्भलगढ़ किले का एक बहुत खुबसूरत महल है |यह महल अपनी खूबसूरत संरचना और भव्यता के लिए जाना जाता है |यह दो मंजिला महल है ,जो किले के शीर्ष भाग पर बना है |इस कारण इसे बादल महल कहा जाता है |यह महल अपने रंगीन भित्ति चित्रों और खूबसूरत लुभावने द्रश्यों के लिए जाना जाता है |शीर्ष पर होने के कारण यह महल बहुत ही हवादार है |इस महल का उपयोग शाही निवास के लिए किया जाता था |

                     इस महल को दो भागों में बांटा गया है, जिन्हें मर्दाना महल और जनाना महल कहा जाता है |जनाना महल में रानियों के लिए पत्थर के जालीदार झरोके बनाए गए हैं ,इन झरोकों का उपयोग रानियाँ अदालती कार्यवाही और अन्य मुख्य कार्यक्रमों को देखने के लिए करती थीं |इन कक्षों में वातानुकूलित प्रणाली देखने योग्य है |इस प्रणाली को डक्ट पाइपों की एक श्रंखला से जोड़ा गया है,जो कमरों में ठंडी हवा को प्रवाहित करती हैं और नीचे की ओर से कमरों को हवादार बनाती है|

और देखें :जूनागढ़ किला बीकानेर। राजस्थान का ज़ेवर। Junagarh Fort Bikaner । Rajasthan ka Zaiver

3.2 कुम्भा महल  Kumbha Mahal

               कुम्भा महल, कुम्भलगढ़ किले में स्थित एक राजपूत वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है |यह एक दो मंजिला ईमारत है |इस महल में एक बहुत ही सुंदर नीला दरबार है |यह दरबार विभिन्न प्रकार के भित्ति चित्रों से सजाया गया है |

3.3 कुम्भलगढ़ किले की दीवार की लम्बाई  Kumbhalgarh Fort Wall Lenght

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort Wall

             कुम्भलगढ़ की दीवार पूरे किले को घेरे हुए है | यह दीवार चाइना की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है |इस दीवार की लम्बाई 36 किलोमीटर है ,और इसकी मोटाई 21 फिट है | इस दीवार पर अनेक अर्ध गोलाकार बुर्ज बनाए गए हैं | जो दीवार को मजबूती प्रदान करते हैं |

और देखें : जैसलमेर फोर्ट।दुनिया के सबसे बडे़ रेगिस्तान में बना किला।Jaisalmer Fort।Duniya ke Sabse Bade Registan Me Bana Kila

3.4 कुम्भलगढ़ किले के द्वार  Gates of Kumbhalgarh Fort

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Kumbhalgarh Fort Gate

               इस किले में प्रवेश के लिए सात प्रवेश द्वार हैं | आरेट पोल किले का पहला द्वार है,जिससे किले पर प्रवेश किया जाता है |हल्ला पोल प्रवेश द्वार के बाद नीचे की ओर ढालान पर बनाया गया है |हल्ला पोल से अगला द्वार हनुमान पोल है ,यह अष्टकोणीय बुर्जों वाला दो मंजिला द्वार है |राम पोल किले का मुख्य प्रवेश द्वार है |इसके पूर्व की ओर एक और प्रवेश द्वार है ,जिसे राम पोल कहा जाता है |राम पोल और बादल महल के बीच पांच और प्रवेश द्वार हैं |इन द्वारों के नाम इस प्रकार हैं ,भैरो पोल,निम्बू पोल,चौगान पोल,पगडा पोल,गणेश पोल|

और देखें : लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg

3.5 हिन्दू मंदिर  Hindu Temple 

Kumbhalgarh Fort|यहाँ है भारत की सबसे लम्बी दीवार, जानिए इतिहास और वास्तुकला
Hindu Temple

  • गनेश मंदिर – इस मंदिर का निर्माण महाराणा कुम्भा के द्वारा किया गया था |यह मंदिर राम पोल के बाएँ ओर स्थित है |
  • चतुर्भुजा मंदिर – यह मंदिर गणेश मंदिर के दाएँ ओर पहाड़ी ढलान पर है |यह मंदिर चार भुजाओं वाली देवी को समर्पित है |
  • नीलकंठ महादेव मंदिर – इस मंदिर का निर्माण 1458 ई. में किया गया था | यह मंदिर किले के पूर्वी हिस्से में स्थित है |शिव की मूर्ती काले पत्थर से बनी है और इसे 12 हाथों से दर्शाया गया है |
  • माता जी मंदिर – जिसे खेडा देवी मन्दिर भी कहा जाता है |
  • गोलेरा मंदिर – इस मंदिर समूह में पांच हिन्दू मंदिर हैं । 
  • मामादेव मंदिर – राणा सांगा के बड़े भाई कुवंर प्रथ्विराज की समाधि इस मंदिर के निकट है |
  • सूर्या मंदिर –
  • वेदी मंदिर –  इस वेदी मंदिर का निर्रामाण राणा  कुम्भा द्वारा करवाया गया था |

3.6 जैन मंदिर  Jain Temple 

  • पार्श्वनाथ मंदिर
  • गोलेरा मंदिर – इस में चार जैन मंदिर हैं |
  • विजय पोल के निकट दो जैन मंदिर
  • पीतलशाह जैन मंदिर

4. कुम्भलगढ़ किला घूमने का अच्छा समय      Best Time to Visit Kumbhalgarh Fort

            गर्मियों के मौसम में यहाँ की जलवायु काफी गर्म होती है |इस लिए इन दिनों में घूमना बहुत कठिनाइयों से भरा होता है |सर्दियों का मौसम अक्तूबर से फरवरी का समय कुम्भलगढ़ किला घूमने के लिए अच्छा समय माना जाता है |क्युकी इन दिनों में मौसम बहुत  सुहावना होता है
जो यात्रा करने के लिए अच्छा समय माना जाता है|

5. कुम्भलगढ़ किले का प्रवेश शुल्क   Kumbhalgarh Fort Ticket Price

  • भारतीय सैलानियों के लिए : 10 रूपये 
  • विदेशी सैलानियों के लिए : 200 रूपये 

6. कुम्भलगढ़ किला खुलने का समय  Kumbhalgarh Fort Timings

  • सुबह 9:00 से शाम 6 बजे तक
  • यात्रा की अवधि 3 घंटे
7. कुम्भलगढ़ किला कैसे पहुंचें?   How to Reach Kumbhalgarh Fort?

           कुम्भलगढ़ किला हवाई मार्ग ,रोड मार्ग और रेल मार्ग तीनों साधनों से पहुंचा जा सकता है| तीनों माध्यमों से यह आसानी से जुड़ा हुआ है |

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8. हवाई जहाज़ से कुम्भलगढ़ किला कैसे पहुंचे  How to                                                             Reach Kumbhalgarh Fort By Plane

              उदयपुर हवाई अड्डा कुम्भलगढ़ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है |उदयपुर से कुम्भलगढ़ की दूरी 64 किलोमीटर है| हवाई अड्डा पहुँचने के बाद यहं से बस,टैक्सी ,कार के द्वारा कुम्भलगढ़ किला पहुंचा जा सकता है |

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9. रोड मार्ग से कुम्भलगढ़ किला कैसे पहुंचे   How to Reach                                                    Kumbhalgarh Fort By Road

             उदयपुर यहां का सबसे नज़दीक बस स्टॉप है | यह शहर भारत के बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुदा हुआ है |राजस्थान और इसके बड़े शहरों से कुम्भलगढ़ के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं | बस के अलावा आप कार ,टैक्सी या कैब का सहारा ले सकते हैं |

10.  कुम्भलगढ़ किला रेल मार्ग से कैसे पहुंचे  How to Reach Kumbhalgarh Fort By                   रेल 

             कुम्भलगढ़ में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है |इसका सबसे पास का रेलवे स्टेशन फालना रेलवे स्टेशन है |इसके अलावा उदयपुर भी रेलवे स्टेशन है |आप भारत के कोई भी बड़े शहर से रेल मार्ग द्वारा उदयपुर आसानी से पहुँच सकते हैं |रेलवे स्टेशन पहुँचने के बाद आप बस ,टैक्सी या कैब के द्वारा कुम्भलगढ़ किला पहुँच सकते हैं |


FAQ

Q.1.  कुम्भलगढ़ किला कहाँ स्थित है ?

Ans.  राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिले में स्थित कुम्भलगढ़ एक छोटा शहर और नगर पालिका है|              यह उदयपुर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

Q.2.   कुम्भलगढ़ किले का निर्माण किसने और कब किया था?

Ans.   महाराणा कुम्भा द्वारा 15 वीं शताब्दी में कुम्भलगढ़ किले का निर्माण कराया गया था|

Q.3.   महाराणा प्रताप का जन्म कहाँ हुआ था ?

Ans.  महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ़ में हुआ था| 

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