मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah

 

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Chittorgarh

             राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ अपने गौरवशाली इतिहास, अपनी वीरता और त्याग के लिए पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त है। चित्तौड़गढ़ अपने प्राचीन स्मारकों, समृद्ध संस्कृति, युध्द विरासत और राजसी महिमा के कारण आज भी अपने इतिहास को दिखाता है। चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह बहुत खूबसूरत हैं।चित्तौड़गढ़ अपने किले के लिए काफी मशहूर है। 

         इसके अलावा यहां के भव्य महल और मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं। भार्तीय इतिहास के अनुसार चित्तौड़गढ़ भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। यह महाराणा प्रताप सिंह जैसे शूरवीरों की जन्मभूमि है। भार्तीय इतिहास के अनुसार चित्तौड़गढ़ भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। यह महाराणा प्रताप सिंह जैसे शूरवीरों की जन्मभूमि है। 

1. चित्तौड़गढ़ का इतिहास History of             Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
chittorgarh

              चित्तौड़गढ़ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले का नगर है। भारत वीर पुत्र महाराणा प्रताप यहाँ के राजा थे। चित्तौड़गढ़ 1568 तक मेवाड़ की राजधानी थी,और उसके बाद उदयपुर को मेवाड़ की राजधानी बना दिया गया। चित्तौड़गढ़ का इतिहास बहुत पुराना है, इसका सम्बन्ध महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है। पांच पांडवों में से महाबली भीम अमरत्व की तलाश में यहाँ आए थे।चित्तौड़गढ़ नगर का निर्माण 7 वीं शताब्दी में चित्रांगद मौर्य के द्वारा कराया गया था।

           इस दुर्ग का निर्माण चित्रकूट पहाड़ी पर कराया गया है। लगभग 8 वीं शताब्दी में गुहिल राजवंश के संस्थापक बप्पा रावल ने मौर्य वंश के अंतिम शासक मानमोरी को युध्द में हरा कर मेवाड़ को अपने अधिकार में ले लिया। करीब 724 ई. वी. में चित्तौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण किया गया। चित्तौड़गढ़ बप्पा रावल, महाराणा सांगा, महाराणा कुम्भा,राणा रतन सिंह और महाराणा प्रताप रानी पद्मिनी और श्री कृष्ण, मीराबाई के भक्तों सहित राजपूत वंशों के शासकों के लिए जाना जाता है।

                वर्ष 1303 में दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मिनी पर मोहित होकर चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण कर दिया। चित्तौड़गढ़ पहले ही राणा रतन सिंह की रक्षा के लिए अपने 7000 सैनिक खो चुका था। जब आत्मसमर्पण के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा तब रानी पद्मिनी ने किले में स्थित हज़ारों औरतों के साथ जौहर कुण्ड में आत्मदाह कर लिया था। 1572 में महाराणा प्रताप का शासनकाल आया, उस समय चित्तौड़गढ़ तरक्की पर था। 

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2. चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह Places to      Visit in Chittorgarh in Hindi

2.1 चित्तौड़गढ़ दुर्ग Chittorgarh Fort in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
chittorgarh fort

        चित्तौड़गढ़ दुर्ग 7 दरवाजे़ वाला भारत का सबसे बड़ा दुर्ग है। इसका निर्माण 7 वीं शताब्दी में चित्रांगद मौर्य ने कराया था। चित्तौड़गढ़ दुर्ग राजपूत शासकों की वीरता, शौर्य और साहस का प्रतीक है। चित्तौड़गढ़ 1568 तक मेवाड़ की राजधानी थी, उसके बाद उदयपुर को राजधानी बना दिया गया। इस दुर्ग को चित्रकूट पहाड़ी पर बनाया गया है। इसके बारे में कहा जाता है कि "गढ़ तो चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढ़ैया"।

        इस दुर्ग पर महाराणा सांगा, महाराणा कुम्भा,राणा रतन सिंह और महाराणा प्रताप जैसे राजपूत राजाओं ने राज किया है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग 180 मीटर ऊँची पहाड़ी पर बना है। यह दुर्ग 700 ऐकड़ की भूमि पर फैला हुआ है। अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण यह दुर्ग यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है। इस दुर्ग में बहुत सी ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिस कारण यह किला चित्तौड़गढ़ का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। 

2.2 विजय स्तम्भ Vijay Stambh Chittorgarh in             Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Vijay Stambh

            विजय स्तम्भ को विजय टावर भी कहा जाता है। इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने 1448 में महमूद खिलजी की सेना पर विजय के जश्न में बनवाया था। विजय स्तम्भ 9 मंज़िला ऊॅंचा टाॅवर है, जिस कारण यह दूर से भी दिखाई पड़ता है। इस 9 मंज़िला टाॅवर में हिन्दू देवी देवता की प्रतिमाएँ बनी है। सबसे ऊपरी हिस्से पर जैन देवी पद्मावती की प्रतिमा है। स्तम्भ के आंतरिक भाग पर उस समय के हथियार, वाध्य यंत्र इत्यादि की छवि बनाई गई है। जिस कारण इसकी खूबसूरती और अधिक बढ़ गई है। 

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2.3 कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ Kirti Stambh                           Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Kirti Stambh

              कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ के मुख्य आकर्षण केन्द्रों में से एक है। चित्तौड़गढ़ किले के अन्दर 12 वीं शताब्दी में बना हर स्तम्भ प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ जी के स्मारक के रूप में बनाया गया है। यह स्तम्भ 22 मीटर ऊँचा है। इस स्तम्भ का निर्माण जैन व्यपारी जीजा भागरवाला ने रावल कुमार सिंह के शासन काल के दौरान जैन धर्म का महिमामंडन करने के लिए किया था। 

         इस कीर्ति स्तम्भ को जैन धर्म के अनुयायिओं द्वारा जैन तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है। कीर्ति स्तम्भ को टाॅवर ऑफ फेम के नाम से भी जाना जाता है। इस 7 मंज़िला स्तम्भ में श्री आदिनाथ जी की अद्भुत मूर्तियां हैं। चित्तौड़गढ़ में बहुत अधिक संख्या में सैलानी इस स्तम्भ को देखने के लिए आते हैं। 

2.4 फतह प्रकाश पैलेस चित्तौड़गढ़ Fateh Prakash               Palace Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Fateh Prakash Palace

               चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित फतह प्रकाश पैलेस जिसकी भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसका निर्माण राणा फतह सिंह के शासनकाल में हुआ था। यह महल राजस्थानी शैली में निर्मित कई गलियारों और स्तम्भों से सुसज्जित है। इस पैलेस को राणा फतह सिंह अपने निवास स्थान के रूप में उपयोग करते थे। अब महल के बड़े हिस्से को संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। 

            राणा फतह सिंह कला प्रेमी थे, यह उनके फतह प्रकाश पैलेस में पाए गए कलाकृतियों के संग्रह से पता चलता है। उनकी कलाकृतियां बहुत ही दुर्लभ और प्रचुर थीं, इसलिए उन्हें संग्राहलय में रखा गया है। संग्रहालय में क्रिस्टल वस्तुओं का भी एक बड़ा संग्रह है। इसके अलावा और भी बहुत सी खूबसूरत वस्तुऐं संग्रहालय में देखने को मिलेंगी। 

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2.5 रतन सिंह पैलेस चित्तौड़गढ़ Ratan Singh Palace          Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Ratan Singh Palace

             रतन सिंह पैलेस चित्तौड़गढ़ दुर्ग परिसर में स्थित एक बहुत सुंदर और आकर्षक महल है। महाराणा रतन सिंह द्वितीय राणा सांगा के पुत्र थे। वह 1527 से 1531 तक बहुत कम समय के लिए गद्दी पर बैठे। महाराणा रतन सिंह द्वितीय ने अपने जीवन काल के दौरान शाही परिवार के शीतकालीन निवास के लिए एक बहुत ही भव्य पैलेस का निर्माण कराया ,जिसे रतन सिंह पैलेस कहा जाता है। यह महल झील के किनारे स्थित है, जिस्से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। जो भी यहाँ घूमने आता है वह राजस्थानी वास्तुकला, प्रवेश द्वार, भव्य परागण, सुसज्जित छतरियां आदि को देख कर आश्चर्यजनक स्थिति में पड़ जाता है। 

2.6 गौमुख कुण्ड चित्तौड़गढ़ Gaumukh Kund                     Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Gaumukh Kund 

            गौमुख कुण्ड चित्तौड़गढ़ किले के अन्दर स्थित एक पवित्र जलाशय है। इस कुण्ड को चित्तौड़गढ़ का तीर्थ राज भी कहा जाता है। गौमुख यानि होता है "गाय के मूह के आकार का"। इस कुण्ड में पानी चट्टानों के बीच से बहता रहता है। इसका पानी बहुत पवित्र माना जाता है। जब भी तीर्थयात्री कोई तीर्थस्थान से होकर आते हैं, तो वह चित्तौड़गढ़ आने के बाद अपनी यात्रा को पूरा करने के लिए गौमुख कुण्ड ज़रूर जाते हैं। यह प्राकृतिक रूप से बना बहुत ही खूबसूरत कुण्ड है। 

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2.7 महासती चित्तौड़गढ़ Mahasati Chittorgarh in           Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Mahasati

           महासती चित्तौड़गढ़ से 110 किलोमीटर दूर स्थित एक पवित्र स्थान है, क्योंकि यहाँ उदयपुर के शासकों का अंतिम संस्कार किया जाता था। यहाँ एक जलाशय है, यत्र माना जाता है कि इस जलाशय में गंगा का पानी आता है। यहाँ 19 राजाओं का अंतिम संस्कार किया गया था,जिन्हें याद कर ने के लिए यहाँ 19 छत्रियां बनाई गई हैं। यह बहुत ही खूबसूरत संरचना है। जिसे देखने के लिए लोग यहाँ आते हैं। 

2.8 राणा कुम्भा का महल चित्तौड़गढ़ Rana Kumbha's        Palace Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Rana Kumbha's Palace

              राणा कुम्भा का महल चित्तौड़गढ़ किले के अन्दर स्थित, एक खूबसूरत महल है। यह राणा कुम्भा का निवास स्थान था। चित्तौड़गढ़ के सूरवीर राणा कुम्भा ने इस भव्य महल का निर्माण 15 वीं शताब्दी में किया था। आज यह महल जरजर हालत में है। लेकिन पत्थरों से बना यह महल आज भी अपनी वीर गाथा सुनाता है और राजपूत वास्तुकला का परिचय देता है। कहा जाता है कि राणा उदयसिंह का जन्म इसी महल में हुआ था। इसी महल में रानी पद्मिनी ने सेकड़ों रानियों के साथ जौहर किया था। 

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2.9 पद्मिनी पैलेस चित्तौड़गढ़ Padmini Palace                     Chittorgarh in Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Padmini Palace 

             पद्मिनी पैलेस चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित एक सफेद रंग की तीन मंज़िला इमारत है। पद्मिनी पैलेस रानी पद्मिनी का निवास स्थान था। रानी पद्मिनी रावल रतन सिंह की पत्नी थीं। यह महल रानी पद्मिनी की बुद्धिमत्ता और शौर्य का प्रतीक है। यह महल एक झील के बीच में बनाया गया है, जिसकी वास्तुकला काफी आकर्षक है। यह महल फारसी शैली में बनाया गया है। यह महल अन्य महलों से छोटा है, परन्तु खूबसूरती में किसी महल से कम नहीं। चित्तौड़गढ़ दुर्ग में यह महल मुख्य आकर्षणों में से एक है, जिसे देखने के लिए सैलानी दूर दूर से आते हैं। 

2.10 भैंसरोड़गढ़ वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़                       Bhainsrorgarh Wildlife Sanctuary in                 Hindi

चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह। Chittorgarh me Ghumne ki Jagah
Bhainsrorgarh Wildlife Sanctuary

            भैंसरोड़गढ़ वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़ ज़िले में स्थित है। यह खूबसूरत और आकर्षक स्थल है। यह 195 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पर्वतीय क्षेत्र भैंसरोड़गढ़ के निकट निवास करने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है। यह 1983 में स्थापित किया गया है। यहाँ आपको कई प्रकार के वन्यजीव और पक्षी देखने को मिलेंगे। 

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह

3. चित्तौड़गढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय Best Time           to Visit in Chittorgarh in Hindi

        अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो, आप के लिए चित्तौड़गढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। मार्च के बाद यहाँ गर्मी तेज़ हो जाती है, जिसमें घूमना मुश्किल हो जाता है। 

4. चित्तौड़गढ़ का प्रमुख स्थानीय भोजन Famous Local       Food in Chittorgarh in Hindi


           जिस प्रकार राजस्थान अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जाना जाता है, उसी प्रकार यहाँ के क्षेत्रीय व्यंजन भी काफी स्वादिष्ट हैं। यहाँ के व्यंजनों में घी, मसालों का अधिक उपयोग होता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ हेल्दी भी होता है। चित्तौड़गढ़ में खाए जाने वाले प्रमुख व्यंजनों में दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी़, मावा कचौड़ी, मिर्च वड़ा, प्याज़ की कचौड़ी, बाजरे की राब आदि हैं। चित्तौड़गढ़ जाना हो तो इन व्यंजनों का आनंद लेना न भूलें। 

5. चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे How to Reach                          Chittorgarh  in Hindi

        चित्तौड़गढ़ उदयपुर शहर से 112 किलोमीटर है। चित्तौड़गढ़ बस, ट्रेन , हवाई जहाज़ आदि साधनों से पहुंचा जा सकता है।  

5.1 सड़क मार्ग से चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे How to Reach        Chittorgarh by Road in Hindi


        चित्तौड़गढ़ राजस्थान के बड़े शहरों उदयपुर, जयपुर,जोधपुर से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इन शहरों से आपको बस या टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। चित्तौड़गढ़ दिल्ली से 566 किलोमीटर की दूरी पर है। 

5.2 हवाई मार्ग द्वारा चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे How to                  Reach Chittorgarh by Airplane in Hindi


        चित्तौड़गढ़ से सबसे पास का हवाई अड्डा उदयपुर है, जो चित्तौड़गढ़ से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से चित्तौड़गढ़ बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग से चित्तौड़गढ़ पहुंचने में 1 घण्टा 30 मिनट का समय लगता है। 

5.3 रेल मार्ग से चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे How to Reach            Chittorgarh by Train in Hindi


         चित्तौड़गढ़ में चित्तौड़गढ़ जंक्शन स्थित है,और दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े रेलवे जंक्शनों में से एक है। यह जंक्शन चित्तौड़गढ़ को राजस्थान और भारत के अन्य बड़े शहरों से जोड़ता है। यहाँ से आप टैक्सी की सहायता से प्रमुख स्थलों पर पहुँच सकते हैं। 




रविवार, 17 दिसंबर 2023

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह

              

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Kashmir


               जम्मू कश्मीर भारत का एक केन्द्र शासित राज्य है। कश्मीर में घूमने की जगह बर्फ से ढ़के पहाड़, सुंदर झील, हरे घास के मैदान और खूबसूरत वादियों के कारण जम्मू कश्मीर को "धरती का स्वर्ग" भी कहा जाता है। यह भारत का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यह तीन स्थलों पर बंटा हुआ है, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख़। यह पूरा इलाका महान हिमालय और पीर पंजाल पर्वत श्रेणियों में बसा है। 

               

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Kashmir

जम्मू कश्मीर प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। अमरनाथ और वैष्णव देवी मंदिर यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। जिनकी यात्रा के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या में लोग हर वर्ष जम्मू कश्मीर आते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को दीवाना बना देती है। 

1. कश्मीर का इतिहास History of Kashmir in Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Kashmir

             कश्मीर के प्रथम राजा ऋषि कश्यप थे ,जिनके नाम पर ही कश्मीर नाम पड़ा। कश्यप समाज ही सर्वप्रथम कश्मीर घाटी में निवास किया करता था।राजतरंगिणी कश्मीर का प्राचीन लिखित इतिहास है, राजतरंगिणी को 12 वीं शताब्दी ई. में कल्हण द्वारा लिखा गया था। तब तक यह पूर्ण हिन्दू राज्य था। तीसरी शताब्दी में अशोक का शासन था, तब यहाँ बौद्ध धर्म का आगमन हुआ। 

          उसके बाद छटी शताब्दी में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य शासनकाल में यहाँ फिर से हिन्दू धर्म का आगमन हुआ। उनके बाद 697 ई. से 738 ई. तक नागवंशी सम्राट ललीतादित्या का शासन रहा। 14 वीं शताब्दी में यहाँ मुस्लिम शासन का आरम्भ हुआ, उसी काल में फारस से सूफी इसलाम का भी आरम्भ हुआ। 1589 में यहाँ मुग़लों का शासनकाल आया , यहाँ अकबर का राज्य था। 

         मुग़लों के विखण्डन के बाद यहाँ पठानों ने कबज़ा कर लिया। फिर 1814 में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह द्वारा पठानों की हार हुई और सिख साम्राज्य आया। 1846 में अंग्रेजों द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की पराजय हुई। अंग्रेज़ों द्वारा महाराजा गुलाबसिंह को गद्दी दी गई जो स्वतंत्र शासक बना। उसके बाद महाराजा गुलाबसिंह के बड़े पौत्र महाराजा हरिसिंह 1925 में गद्दी पर बैठे, जिन्होंने 1947 तक शासन किया। 


2. कश्मीर में घूमने की घूमने की जगह Places to Visit in Kashmir in Hindi

2.1 श्रीनगर कश्मीर ShriNagar Kashmir in Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Shrinagar

          श्रीनगर जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। श्रीनगर झेलम नदी के किनारे बसा है। कश्मीर घाटी के मध्य में बसा यह नगर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह भारत का सबसे उत्तरतम नगर है। इसकी जनसंख्या 10 लाख से भी अधिक है। प्रसिद्ध डल झील श्रीनगर पर ही स्थित है। 1700 मीटर की ऊंचाई पर बसा श्रीनगर झीलों और हाउसबोट के लिए प्रसिद्ध है। श्रीनगर धार्मिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है,यह विभिन्न मंदिरों और मस्जिदों के लिए प्रसिद्ध है। 

       इसके अलावा श्रीनगर अपने परम्परागत हस्तशिल्प और सूखे मेवों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहाँ के उद्यान और प्राकृतिक सुंदरता का अपना एक अलग ही रंग है। डल झील और झेलम नदी में आने जाने और घूमने, बाज़ार में खरीददारी करने के लिए शिकारा नाम की नांव उपयोग किया जाता है। 

2.2 डल झील काश्मीर Dal Lake Kashmir in Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Dal Lake

            डल झील काश्मीर की दूसरी सबसे बड़ी और भारत की सबसे खूबसूरत झील है। यह झील 18 किलोमीटर जरिया में फैली है। यह झील तीन ओर से पहाड़ों से घिरी है। डल झील काश्मीर आए पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है, पर्यटक यहां आना नही भूलते। 

          डल झील के मुख्य आकर्षण का केंद्र यहाँ के शिकारे और हाउसबोट हैं । आप इनमें रह कर डल झील घूमने का आनंद ले सकते हैं। हाउसबोट में आपको यहाँ का पारम्परिक और स्वादिष्ट भोजन का ज़ायका चखने को मिलेगा। शिकारों पर दुकानें भी लगी होती हैं, आप यहाँ से खरीददारी भी कर सकते हैं। झील पर उगने वाली विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ झील की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। 

 2.3 लेह लद्दाख़ Leh Ladakh Kashmir in Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Leh Ladakh
        लद्दाख़ भारत का सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है। यह काराकोरम और हिमालय पर्वत के बीच स्थित है। इसकी राजधानी लेह है। यह भारत की अधिकतम ऊंचाई 7742 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ की जलवायु शुष्क और कठोर है। 

        यहाँ का वार्षिक ओसत तापमान 5 डिग्री. होता है। यह पहाड़ी इलाका है। यहाँ की खूबसूरत वादियां लोगों को प्रभावित करती हैं। झील और नदियाँ यहाँ की खूबसूरती को और बढ़ा देती हैं। यहाँ बौद्ध धर्म के कुछ धार्मिक स्थल भी हैं। लेह अपने सुंदर मठों के लिए भी जाना जाता है। 

2.4 गुलमर्ग कशमीर Gulmarg Kashmir in hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Gulmarg
          फूलों के प्रदेश के नाम से मशहूर यह स्थान बारामूला ज़िले में स्थित है। यह समुद्र तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।इसकी सुंदरता के कारण यह धरती का स्वर्ग भी कहलाता है। हरे भरे ढ़ालान,बर्फ़ से ढ़की पहाड़ियाँ, घास के मैदान, चीड़ और देवदार के पेड़ों के घने जंगलों से घिरा गुलमर्ग बहुत ही खूबसूरत स्थान है।यहाँ की ख़ूबसूरती सिर्फ पहाडि़यों से नहीं है , यहाँ का गोल्फ कोर्स विश्व का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स है।   

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Gulmarg

       गोंडोला यह एशिया की सबसे ऊँची केबल कार परियोजना है, यह दुनिया में सबसे बड़ी और दूसरी सबसे ऊँची है। यह सेलानियों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है। स्कीइंग में रूचि रखने वालों के लिए गुलमर्ग सबसे बेहतर स्थान है। दिसम्बर में बर्फ गिरने के बाद यहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक स्कीइंग करने आते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े स्कीइंग रिज़ोर्ट में गिना जाता है। 

2.5 सोनमर्ग कश्मीर Sonmarg Kashmir in Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Sonmarg

         सोनमर्ग कश्मीर का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह समुद्र तल से लगभग 2800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह पहाड़ों की खूबसूरत वादियों और झीलों से घिरा है। यह गांदरबल जिले में स्थित है, और जम्मू कश्मीर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सर्दियों में यह इलाका बर्फ़ से ढ़का होता है, परन्तु ग्रीष्म ऋतु में यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है। यहाँ के हरे घास के मैदान सेलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। 

2.6 पहलगाम कश्मीर Pahalgam Kashmir In Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Pahalgam

         पहलगाम जम्मू और कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के अनंतनाग ज़िले का एक नगर है। यह लिद्दर नदी के पास अनन्तनाग से 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। पहलगाम कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, और अमरनाथ यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव भी है। पूरी दुनिया से हज़ारों पर्यटक प्रति वर्ष यहाँ आते हैं। पहलगाम अपने शंकूधारी वनों के लिए प्रसिद्ध है। यह घने जंगलों, खूबसूरत झीलों, फूलों और घास के मैदानों से घिरा है। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय जून से अक्टूबर तक होता है। 

2.7 अमरनाथ कश्मीर Amarnath Kashmir

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Amarnath

         अमरनाथ एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह श्रीनगर से 135 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 13600 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह बहुत ही खूबसूरत पर्यटन और शिव जी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ हर वर्ष हज़ारों लोग दर्शन के लिए आते हैं। इस गुफा की लम्बाई 19 मीटर, चौड़ाई 16 मीटर और ऊंचाई 19 मीटर है। इस गुफा मे प्रकृतिक रूप से बर्फ से बना शिव लिंग है, जो लगातार बर्फ की बूंद गिरने से बनता है। इसी स्थान पर शिव जी ने पार्वती जी को अमरत्व का रहस्य बताया था। 

2.8 दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान कश्मीर Dachigam National Park Kashmir

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Dachigam National Park 

          दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान श्रीनगर में ज़िले में स्थित एक खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान है। यह डल झील के समीप और श्रीनगर से 22 किलोमीटर की दूरी पर है। यह 141 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फैला हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 14000 मीटर है। यहाँ आपको कुछ विलुप्त प्रजाति के प्राणी देखने को मिलेंगे। 

        दाचीगाम मुख्य रूप से कश्मीरी हिरण के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहां कस्तूरी मृग, तेंदुआ, सराव, कश्मीर लंगूर, चीता , काला भालू,  भूरा भालू, गीदड़, पहाड़ी लोमड़ी, हिमालय रासू, जंगली बिल्ली आदि मिलते हैं। इसके अलावा यहाँ कई प्रकार के पक्षी भी हैं। 

2.9 पुलवामा कश्मीर Pulwama Kashmir

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Pulwama

          पुलवामा कश्मीर का एक छोटा सा गाँव है। यह श्रीनगर से 40 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 13000 फीट है। यह हरे भरे घास के मैदान, खूबसूरत पहाड़, और जंगलों से घिरा हुआ है। अत्याधिक दुग्ध उत्पादन के कारण पुलवामा को "कश्मीर का आणंद" या "कश्मीर का दुधा कुल" भी कहा जाता है। 

        यहाँ सेब, बादाम, अख़रोट, चेरी आदि फलों की पैदावार होती है। पुलवामा अपने आस पास उपस्थित प्राचीन मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ ग्रीष्मकाल में पर्वतारोहण, ट्रैकिंग और सर्दी के मौसम में स्कीइंग, स्नूबोर्डिगं का आनंद ले सकते हैं। 

2.10 वैष्णो देवी मंदिर कश्मीर Vaishno Devi Mandir Kashmir

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Vaishno Devi Mandir
         वैष्णो देवी मंदिर भारत में सर्वाधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5,200 फिट है। यह कटरा से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर त्रीकुट पर्वत पर स्थित है। 14 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करके लोग मंदिर तक पहुंचते हैं। इसके अलावा मंदिर तक पहुंचने के लिए घोड़ा, पिठु, पालकी, हेलीकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। 

       यहाँ पहुचने के लिए रेल मार्ग और सड़क मार्ग दो मुख्य साधन हैं। लोग ट्रेन से आना ज़्यादा पसंद करते हैं। यहाँ का श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन पूरे भारत से जुडा़ हुआ है। 

2.11 पटनीटाॅप कश्मीर Patnitop Kashmir in Hindi

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Patnitop

            पटनीटाॅप ऊधमपुर ज़िले में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह समुद्र तल से 2024 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह जम्मू और कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। घास के मैदान, पहाड़ों की खूबसूरत चोटियाँ, नदी, तालाब एक अलग ही प्राकृतिक नज़ारा देखने को मिलता है। यहाँ सर्दी के मोसम में हिमपात होता है, उस समय पर्यटक यहाँ स्कीइंग का आनंद लेते हैं। ग्रीष्मकाल में यहाँ पैराग्लाइडिंग भी की जाती है। 

 2.12 बालटाल घाटी कश्मीर Baltal Valley Kashmir

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Baltal Valley

          बालटाल गान्दरबल ज़िले में स्थित है, जो कि अमरनाथ गुफा जाने वाले तीर्थ मार्ग पर पड़ता है। यह खूबसूरत पहाड़ों की चोटियों से घिरा मैदानी इलाका है। यह घाटी बहुत ही सुंदर है। अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्री यहाँ पड़ाव डालते हैं। यह सिंध नदी के समीप समुद्र तल से 2743 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से अमरनाथ गुफा की दूरी 14 किलोमीटर है और यहाँ से चढ़ाई काफी ऊँची है। 

2.13 युसमर्ग कश्मीर Yusmarg Kashmir

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Yusmarg

          युसमर्ग कश्मीर में स्थित घास से भरा मैदानी क्षेत्र है। यह समुद्र तल से 7500 फिट की ऊँचाई पर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। यह अपने बड़े और सुंदर घास के मैदान के लिए जाना जाता है। यहाँ चीड़ और सनोबर के वृक्ष पाए जाते हैं। लोगों की मान्यता है कि यहाँ पर कभी ईसा मसीह आकर रहे थे। इसी कारण इसका नाम युसमर्ग पड़ा। 

3.कश्मीर घूमने जाने का अच्छा समय Best Time to Visit in Kashmir 

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Kashmir

           सर्दी के मौसम में यहाँ अत्याधिक बर्फ बारी होती है, जिस कारण यहाँ के ज़्यादातर मार्ग बन्द हो जाते हैं। इसलिए सर्दी का मौसम यहाँ घूमने जाने के लिए अनुकूल नहीं है। ग्रीष्मकाल में यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है। आप यहाँ अप्रैल से जून तक अपने दोस्तों और परिवार के साथ यात्रा का आनंद ले सकते हैं। 

4. कश्मीर में खाए जाने वाले प्रसिद्ध भोजन Famous Traditional Food in Kashmir

Kashmir me Ghumne ki Jagah। कश्मीर में घूमने की जगह
Kashmiri Food

          कश्मीर में कई प्रकार के भोजन पकाए जाते हैं। यहाँ शुध्द शाकाहारी और मासाहारी भोजन फैमस हैं। शुध्द क्षेत्रीय भोजन में यहाँ दम आलू यहाँ बहुत फैमस है। रोग़न जोश यहाँ की प्रसिद्ध डिश है। यह नाॅन वैजेटेरियन लोगों के लिए है। यहाँ का कहवा जो कि एक मसाला चाय है, बहुत ही मशहूर है पर्यटक इसका आनंद लेना नही भूलते। 

5. कश्मीर में कहाँ ठहरें Where to Stay in Kashmir

            अगर आप कश्मीर घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो, आपको कश्मीर में लो बजट से लेकर हाई बजट तक बहुत सी होटल मिल जाएं गी। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनका चुनाव कर सकते हैं। 

6. कश्मीर कैसे पहुंचे How to Reach in Kashmir

          आप कश्मीर जाने का प्लान बना रहे हैं तो और कश्मीर जाने का साधन तलाश कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग तीनों साधनों से आप कश्मीर आसानी से पहुंच सकते हैं। 

6.1 हवाई जहाज़ से कश्मीर कैसे पहुंचे How to Reach Kashmir by Airplane

             अगर आप हवाई जहाज़ से कश्मीर पहुंचना चाहते हैं तो यहाँ का हवाई अड्डा श्रीनगर है। यहाँ से कश्मीर 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रीनगर के लिए सभी बड़े शहरों से फ्लाइट उपलब्ध है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी के माध्यम से कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुँच सकते हैं।

6.2 सड़क मार्ग से कश्मीर कैसे पहुंचे How to Reach Kashmir by Road

             अगर आप सड़क मार्ग से कश्मीर जाने का प्लान बना रहे हैं तो राज्य सरकार द्वारा संचालित और कई निजी बसें भी उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 1-A श्रीनगर को जम्मू से जोड़ता है। कश्मीर एवं आस पास के कसबे सड़क मार्ग द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं। यहाँ आप आसानी से बस, टैक्सी या निजी साधन से यात्रा कर सकते हैं। 

6.3 रेल मार्ग से कश्मीर कैसे पहुंचे How to Reach Kashmir by Train

           अगर आप रेल मार्ग द्वारा कश्मीर जाने का प्लान बना रहे हैं तो यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है। यह देश के विभिन्न शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहाँ पहुंचने के बाद आप आटो, टैक्सी या बस आदि साधन का उपयोग कर सकते हैं। 

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मैसूर में घूमने की खूबसूरत जगह।Mysore me Ghumne Ki Khoobsurat Jagah

बुधवार, 6 दिसंबर 2023

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagahमैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah

 

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Mysore

            मैसूर कर्नाटक राज्य का एक ज़िला है और राज्य का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यह पहले कर्नाटक राज्य की राजधानी भी रहा है। इसे पैलेस नगरी भी कहा जाता है। मैसूर में घूमने की जगह बहुत खूबसूरत हैं। यह सुंदरता के साथ साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसका इतिहास सदियों पुराना है। 

        यहाँ 4 वीं सदी से लेकर 19 वीं सदी तक कई राज वंशों ने शासन किया। जिसमें प्रमुख सातवाहन वंश, कदंब वंश, पल्लव वंश, गंग वंश, चालुक्य वंश, हैदर अली, टीपू सुल्तान और फिर अंग्रेज़ों का शासन रहा। मैसूर को भारत प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में भी जाना जाता है। कर्नाटक में मैसूर दार्शनिक स्थलों का केंद्र है, जिसे निहारने के लिए दूर दूर से पर्यटक लाखों की संख्या में आते हैं। दशहरा के समय इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है। 

1. मैसूर में घूमने के प्रमुख पर्यटन       स्थल Major Tourist Places          Visit in Mysore

1.1 मैसूर पैलेस Mysore Palace in              Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Mysore Palace

       मैसूर पैलेस मैसूर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। मैसूर पैलेस शाही परिवार का आवास रहा है। यह पैलेस भारत के सबसे खूबसूरत पैलेस में शुमार है। यह कला और सांस्कृतिक का बेजोड़ नमूना है।इस पैलेस ने कई राजाओं का शासन देखा है। यह भव्य महल ताजमहल के बाद भारत की दूसरी सबसे खूबसूरत इमारत है। मैसूर पैलेस का इतिहास बहुत पुराना है। 

       यहाँ 14 वीं शताब्दी में बनाया गया लकड़ी का महल था, जिस में आग लगने के कारण जल गया था। वर्तमान जो खूबसूरत इमारत है ,उसे 1912 में कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ ने बनवाया था। इसमें सुनहरा हौदा भी है, यह हौदा 80 किलोग्राम सोने से बनाया गया है। इस महल के करीब एक रेजिडेंशियल म्यूजियम भी बना है। इस म्यूजियम में मैसूर में राज करने वाले राजाओं के फोटोग्राफ्स, पेंटिंग, आभूषण, विंटेज फर्नीचर, पोशाक आदि देखने को मिलती हैं। इस महल का निर्माण कार्य ब्रिटिश वास्तुकार लाॅर्ड हैनरी इरविन को सौंपा गया था। उस समय महल के निर्माण में लागत लगभग 42 लाख रुपये आई थी। 

1.2 जगमोहन पैलेस मैसूर Jagmohan             Palace Mysore Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Jagmohan Palace Mysore 

        जगमोहन पैलेस मैसूर में स्थित खूबसूरत पैलेस में से एक है। इसकी डिज़ाइन और शैली बहुत ही सुंदर और देखने लायक है। यह मैसूर का सबसे पुराना महल है। इसका निर्माण 1861 में कृष्णराज वोडेयार तृतीय ने कराया था। जब मैसूर पैलेस में आग लगने की घटना घटी तब महाराज कृष्णराज वोडेयार ने अपना निवास स्थान जगमोहन पैलेस में बना लिया था। इसके अलावा जगमोहन पैलेस का उपयोग कई समारोहों के संचालन के लिए किया जाता था। 

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        जगमोहन पैलेस हिन्दुओ की पारम्परिक वास्तुकला डिज़ाइन शैली का एक खूबसूरत नमूना है। जगमोहन पैलेस को 1915 में आर्ट गैलरी के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था। यह मैसूर की सबसे खूबसूरत आर्ट गैलरी है।जिसमें कई प्रकार की प्राचीन कलाकृतियां, राजाओं की उपयोग की वस्तुएँ, हथियार और 2000 पेंटिंग्स शामिल हैं। 


1.3 समर पैलेस मैसूर Summer Palace         Mysore Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Summer Palace Mysore 

           समर पैलेस मैसूर के खूबसूरत महलों में से एक है। यह श्रीरंगपटनम में स्थित है। इसका निर्माण टीपू सुल्तान ने 18 वीं शताब्दी में कराया था। इस महल को दरिया दौलत बाग भी कहा जाता है। यह महल सागोन की लकड़ी से बनाया गया है। जिसमें बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गई है। जो महल की खूबसूरती को बढ़ा देती है। यह महल इंडो इस्लामिक शैली में बनाया गया है। इस महल के कुछ हिस्से को संग्रहालय में बदल दिया गया है, जो ऐतिहासिक और टीपू सुल्तान की जीवनी पर आधारित है। यहाँ कुछ ऐतिहासिक कलाकृतियां मौजूद है जो आपको इतिहास में ले जाती हैं। 

1.4 रेल संग्रहालय मैसूर Rail Archive             Mysore Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Rail Archive Mysore

      मैसूर में रेल संग्रहालय भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस रेल संग्रहालय की स्थापना 1979 में भारतीय रेल्वे द्वारा की गई थी। इस संग्रहालय में वेगन और सालों से उपयोग किए गए स्टीम इंजनों को प्रदर्शित किया गया है। इस संग्रहालय में रेल्वे से जुड़ी तस्वीरों का विस्तृत संग्रह देखने को मिलेगा। यहाँ एक विक्टोरियन वेगन भी है, जिसमें डाइनिंग, बाथरूम, सैलून आदि सुविधाएं हैं। यह शाही कोच मैसूर के महाराजा के थे, जोकि 1899 के हैं। कुछ समय के लिए आप गाॅर्डन में टहल सकते हैं। 

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1.5 सोमनाथपुरा मंदिर Somnathpura          Tample Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Somnathpura Tample 

         इसे चिन्नाकैशव मंदिर या कैशव मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर सोमनाथपुरा में कावेरी नदी के तट पर स्थित है। मंदिर का निर्माण 1258 ई. में होयसला राजा नरसिम्हा तृतीय के सेनापति सोमनाथ दंडनायक द्वारा कराया गया था। यह मंदिर मैसूर शहर से 38 किलोमीटर दूर है। मंदिर होयसल वास्तुकला का एक आदर्श नमूना है। 

        केशव मंदिर होयसला साम्राज्य के राजाओं द्वारा बनाए गए 1500 हिन्दू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की आंतरिक दीवारों, बाहरी दीवारों, स्तम्भों, और छत पर हिन्दू धर्म की धार्मिक प्रतिमाओं को जटिल रूप से उकेरा गया है। यह प्रतिमाएँ पर्यटकों को आचम्भित कर देती हैं। क्योंकि ये प्रतिमाएँ पत्थरों पर उकेरी गई हैं। 

1.6 वृंदावन गाॅर्डन मैसूर Vrindavan                Gardens Mysore Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Vrindavan Gardens Mysore 

        वृंदावन गाॅर्डन कर्नाटक में घूमने की बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहाँ अनेक प्रकार के फूल और पौधे हैं, जिनहें देखकर आप हैरान रह जाएंगे। इस गाॅर्डन का निर्माण 1927 में शुरू हुआ और 1932 समाप्त हुआ। वृंदावन गाॅर्डन 60 ऐकड़ भूमी पर फैला हुआ है। यहाँ मुख्य आकर्षण का केंद्र म्यज़िकल फाउन्टेन है। यहाँ की सुन्दरता पर्यटकों के मन में घर कर जाती है। 

Jaipur me Ghumne ki Jagah

1.7 श्री चामराजेन्द्र प्राणी उद्यान Shri                Chamrajendr Animal Park              Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Shri Chamrajendr Animal Park 

         मैसूर चिड़ियाघर या श्री चामराजेन्द्र प्राणी उद्यान मैसूर पैलेस के पास स्थित है। यह 150 ऐकड़ भूमि में फैला हुआ है। इस उद्यान में लगभग 160 प्रकार के जानवरों और पक्षियों की प्रजातियां स्थित हैं। यह चिड़ियाघर देश के सबसे पुराने चिड़ियाघर में से एक है। इस उद्यान की स्थापना महाराजा चामराजा वोडेयार द्वारा 1892 में की गई थी। यह उद्यान मैसूर पैलेस के पास स्थित है। इस उद्यान में बाघ, शेर, गेंडा, कछुआ, बबून, बन्दर,जिराफ़, सरिसृप, ज़ेबरा आदि जानवर देखने को मिलेंगे। इसके अतिरिक्त यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों में राज हंस, मैकाॅ, मोर आदि शामिल हैं। 

1.7 सेंट फिलोमिना चर्च Sat.                         Philomena  Church Mysore           Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Sat. Philomena Church Mysore 

          सेंट फिलोमिना चर्च मैसूर में स्थित घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह ईसाइयों का तीर्थ स्थल भी है। यह एक रोमन कैथोलिक चर्च है। इसे सेंट जोसेफ कैथेड्रल के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 1936 में सेंट फिलोमिना एक लेटिन कैथोलिक संत और रोमन कैथोलिक चर्च की शहीद हैं, की याद में बनाया गया था। यह एशिया का सबसे ऊँचा चर्च है। यह चर्च नव गोथिक शैली में बनाया गया है। इसकी वास्तुकला जर्मनी में कोलोन कैथेड्रल से प्रेरित है। यह बहुत ही खूबसूरत स्थान है, मैसूर जाएं तो यहाँ जाना न भूलें। 

1.8 गुम्बज-ऐ-शाही मैसूर Gumbaj-e-            Shahi Mysore Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Gumbaj-e-Shahi Mysore 

         गुम्बज- ऐ-शाही श्री रंगपटनम में स्थित एक मकबरा है। जिसका निर्माण टीपू सुल्तान ने 1782-1784 में अपने पिता हैदर अली और माता फ़ख्र-उन-निशा की समाधि के लिए बनाया था। लेकिन 1799 में टीपू सुल्तान अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए। अंग्रेजों ने उन्हें वहीं दफनाने की अनुमति दे दी। मकबरा सूर के बगीचे से घिरा हुआ था, जिसमें फ़ारस, ओटोमन तुर्की,काबुल, फ्रेंच माॅरीशस से टीपू सुल्तान द्वारा लाए गए फ़ूलों के पेड़ और पौधों की विभिन्न प्रजातियां हैं। 

                 मकबरे के मूल नक्काशीदार दरवाजे़ अंग्रेज़ों द्वारा लंदन लिजा लिए गए। वर्तमान दरवाज़े आबनूस और हाथी दांत से बने लाॅर्ड डलहौजी द्वारा उपहार में दिए गए थे। गुम्बज को फारसी शैली में डिज़ाइन किया गया है। काले ग्रेनाइट पत्थर में बारीक नक्काशी की गई है, जो की बहुत ही खूबसूरत दिखाई देती है। मकबरे के आस पास टीपू सुल्तान के रिश्तेदारों की कबरें हैं। गुम्बज- ए-शाही अपनी सुन्दरता के कारण पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है। 


1.9 करणजी झील Karanji Lake                  Mysore Hindi

मैसूर में घूमने की जगह।Mysore me Ghumne Ki Jagah
Karanji Lake Mysore

            मैसूर में स्थित करणजी झील एक बहुत खूबसूरत पिकनिक स्थल है। इसे फव्वारा झील भी कहते हैं। यहाँ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आ सकते हैं। यहाँ अपना खाना साथ ला सकते हैं और वहाँ खा सकते हैं। जो लोग पक्षी प्रेमी हैं, यह जगह उन लोगों के लिए बहुत ही खास है। यहाँ पक्षियों की 147 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसके पास ही एक बटरफ्लाई पार्क है, जहाँ रंग बिरंगी तितलियों की 45 से अधिक प्रजातियां हैं। यहाँ आप कुछ देर सुकून के पल बिता सकते हैं। 

2. मैसूर में खाए जाने वाले प्रमुख भोजन            Famous Food of Mysore


           अगर आप मैसूर जा रहें हैं तो वहाँ घूमने के साथ साथ वहाँ के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेना न भूलें। मैसूर में शाकाहारी व्यंजनों में अनेक व्यंजन हैं, जिनका स्वाद आप भूल नहीं पाएंगे। मैसूर के भोजनों में मुख्य भोजन इस प्रकार हैं, मैसूर मसाला डोसा, मैसूर इडली, कोरी गस्सी, वड़ा, बिसी बेले स्नान(बिसी बेले बाथ) , खरा स्नान(रवा बाथ) ,मैसूर पाक, मैसूर बोंडा , नीर डोसा, पोलीहोरा, उत्तपम आदि व्यंजन प्रमुख हैं। मैसूर जाएं तो इन व्यंजनों का स्वाद ज़रूर लें। 

3. मैसूर कैसे पहुंचे How to Reach              Mysore

3.1 ऐरोप्लेन से मैसूर कैसे पहुंचे How to          Reach Mysore by Airplane


       आप ऐरोप्लेन से मैसूर जाना चाहते हैं तो बैंगलोर यहाँ का अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यहाँ के लिए आप को कोई भी बड़े शहर से फ्लाइट उपलब्ध है। मैसूर में भी घरेलू हवाई अड्डा है, जो बैंगलोर, दिल्ली, मुम्बई से जुडा़ हुआ है। 

3.2 रेल मार्ग से मैसूर कैसे पहुंचे How to           Reach Mysore By Train


मैसूर शहर का रेल्वे स्टेशन शहर के बीच में स्थित है। यहाँ से आप टैक्सी के द्वारा जहाँ भी जाना चाहते हैं जा सकते हैं। 

3.3 मैसूर सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे How            to Reach Mysore by Road


अगर आप सड़क मार्ग से मैसूर जाना चाहते हैं तो बैंगलोर से मैसूर 139 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से कर्नाटक परिवाहन निगम यात्रियों को अच्छी सुविधा प्रदान करता है।