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लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg

    

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

        भारत में अनेक किले स्थित हैं, जो अपनी सुंदरता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन किलों का प्रभावशाली इतिहास , निर्माण शैली और साहित्य देश विदेश में अलग ही पहचान रखती है। ऐसा ही एक किला लोहागढ़ फोर्ट है।

           यह किला राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में स्थित है। लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग कहलाता है। क्योंकि इस किले को कभी कोई जीत नहीं पाया। यहाँ तक कि अंग्रेज़ और मुगल भी इस किले पर जीत हासिल नहीं कर पाए। 

1. लोहागढ़ फोर्ट का इतिहास History of        Lohagarh Fort in Hindi

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

             भरतपुर के जाट वंश के कुवंर महाराजा सूरजमल जी द्वारा 1733 ई. में इस किले का निर्माण किया गया। महाराजा सूरजमल ने इस किले का निर्माण इस प्रकार कराया की इस किले को भेद पाना नामुमकिन था। क्योंकि इस किले के बाहर की ओर मिट्टी की दीवार बनाई गई थी। जब अंग्रेज़ों ने आक्रमण किया तो तोप के गोले मिट्टी की दीवार पर धंस गए। अंग्रेज़ों ने 13 बार आक्रमण किया पर इस किले को नही जीत पाए। 1805 में अंग्रेजों ने जब आक्रमण किया तो ब्रिटिश सेना के 3000 लोग मारे गए। इससे निराश होकर ब्रिटिश सेना वहाँ से चले गई। 

2. लोहागढ़ फोर्ट की वास्तुकला                        Architecture of Lohagarh Fort        in Hindi 

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

              लोहागढ़ फोर्ट की सबसे महत्वपूर्ण भाग उसकी मिट्टी से बनी बाहरी मोटी दीवारें हैं। यह दीवारें दुश्मन द्वारा दागे गए तोप के गोलों को बेअसर कर देती थीं। इस किले की बाहरी दीवारों की लम्बाई 7 किलोमीटर है। इन दीवारों को बनाने में 8 साल का समय लगा। इन दीवारों का निर्माण चिकनी मिट्टी, गोबर, चूना और भूसे के गारे से किया गया है। जो तोप के गोलों को अपने अंदर आसानी से अवशोषित कर लेती थीं। 

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

          दुश्मन किले तक न पहुँच पाए इस लिए लोहागढ़ फोर्ट के चारों ओर खाई बनाई गई थी, और उस में पानी भर दिया गया था। और उसमें मगरमच्छ भी डाल दिए गए थे। ताकि कोई तैर कर किले की दीवारों तक न पहुँच सके। युध्द के समय इन मगरमच्छों को खाना देना बंद कर दिया जाता था, ताकि कोई सैनिक खाई में तैर कर जाए तो मगरमच्छ का निवाला बन जाए। महल में प्रवेश करने के लिए एक ब्रिज बनाया गया था। 

            लोहागढ़ फोर्ट की प्रमुख दीवारों की ऊंचाई लगभग 100 फिट और चौड़ाई 30 फिट है। इन दीवारों का बाहरी भाग मिट्टी से बनाया गया था, इस कारण इस किले को मिट्टी का किला भी कहा जाता है। 

3. लोहागढ़ फोर्ट का अष्ट धातू द्वार Ashta        Dhatu Gate in Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Ashta Dhatu Gate

        यह अष्ट धातू द्वार लोहागढ़ फोर्ट का प्रमुख द्वार है। इसके स्पाइक्स आठ धातू से मिल कर बने हैं। इसलिए इसे कष्ट धातु द्वार कहा जाता है। कहा जाता है कि यह दरवाज़ा चित्तौड़गढ़ किले में लगा था, यहाँ से निकाल कर यह दिल्ली के लाल किले में लगाया गया था। फिर जवाहर सिंह जाट द्बारा दिल्ली विजय के दौरान 1765 लाल किले से उतारकर लाय थे। 

 4. लोहागढ़ फोर्ट के बुर्ज: Burj of                   Lohagarh Fort

4.1 जवाहर बुर्ज  Jawahar Burj

4.2 फतह बुर्ज    Fateh Burj

4.1 लोहागढ़ फोर्ट का जवाहर बुर्ज: Jawahar Burj Of          Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Jawahar Burj

           लोहागढ़ फोर्ट में जवाहर बुर्ज का निर्माण 1765 ई. में सवाई राजा जवाहर सिंह ने करवाया था। मुग़लों पर जीत की खुशी में इस बुर्ज का निर्माण किया गया था। राजाओं के राज्याभिषेक और समारोह इसी बुर्ज पर किए जाते थे। जवाहर बुर्ज पर मंडपों की एक श्रृंखला भी है। बुर्ज की छत एवं दीवारों पर भित्ति चित्र भी बनाए गए थे। 

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Iron Piller

          पूर्व शासक महाराज बृजेन्द्र सिंह द्वारा हाल ही में यहाँ वंशावली अंकित एक लोह स्तम्भ लगाया गया है। वह भरतपुर के तत्कालीन रियासत के अंतिम शासक थे। 1995 में महाराज बृजेन्द्र सिंह का स्वर्गवास हो गया था। 

4.2 लोहागढ़ फोर्ट का फतह बुर्ज: Fateh Burj of                  Lohagarh Fort

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Fateh Burj

        फतह बुर्ज का निर्माण 1805 में अंग्रेज़ों पर जीत के फलस्वरूप कराया गया था। इस बुर्ज पर भी खूबसूरत मंडप और दीवारों पर भित्ति चित्र बनाए गए हैं। 

5. लोहागढ़ फोर्ट का महल खास : Mahal        Khas of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Mahal Khas 

          लोहागढ़ फोर्ट का महल खास राजा सूरज मल द्बारा बनाया गया था, जिन होंने 1733 से 1763 तक शासन किया था। यह महल खास जाट वास्तुकला का एक नमूना है। इस महल की छत घुमावदार बनाई गई हैं और बालकनियों को सहारा देने के लिए घुड़सवार कोष्ठक का इस्तेमाल किया गया है। 

6. लोहागढ़ फोर्ट का बदन महल पैलेस:            Badan Mahal of Lohagarh Fort

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Badan Mahal

          बदन महल का निर्माण महाराजा सूरजमल के पिता ने करवाया था। इनहोने 1722 से 1733 तक शासन किया था। इस महल का निर्माण उत्तर पश्चिम दिशा में किया गया था। इस महल को पुराने महल के नाम से भी जाना जाता है। इस महल को ऊंचाई पर बनाया गया है। 

7. लोहागढ़ फोर्ट का किशोरी महल:                  Kishori Mahal of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Kishori Mahal

            किशोरी महल लोहागढ़ फोर्ट का प्रमुख स्थल है। महाराजा सूरजमल ने इस किले का निर्माण कराया था। यह महल महारानी किशोरी का निवास स्थान था, जो महाराजा सूरजमल की पत्नी थीं। महाराजा सूरजमल के भरतपुर में रहने के दौरान शासन यहीं से संचालित होता था। इस भवन की नीव 1726 ई. में रखी गई थी। यह महल वास्तुशास्त्र के समरागंण सूत्र के अनुसार निर्मित है। यह भवन चार मंज़िला है। इस भवन में दो चौक हैं। महाराजा सूरजमल द्वारा बनाई गई इमारतों में यह सबसे नक्काशी वाला है। 

8. लोहागढ़ फोर्ट का कामरा पैलेस: Kamra      Palace of Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Kamra Palace 

         कामरा पैलेस को बदन महल के पास बनाया गया था। इस महल कि उपयोग हथियार रखने के लिए किया जाता था। महल को अब एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। इस संग्रहालय में जैन मूर्तियां, हथियार हथियारों का संग्रह, अरबी और संसकृत पांडूलिपियां शामिल हैं। 

9. लोहागढ़ फोर्ट घूमने जाने का अच्छा              समय: Best Time to Visit                    Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

         लोहागढ़ फोर्ट में घूमने का सबसे अच्छा समय अगस्त से सितम्बर तक होता है। गर्मी के मोहम में घूमने जाने की सतह नही दे सकते, क्योंकि इस मोसम में अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण घूमने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

10. लोहागढ़ फोर्ट घूमने का समय: Time          to Visit Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट में सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 तक घूमा जा सकता है। 

11. लोहागढ़ फोर्ट कैसे पहुंचे: How to              Reach Lohagarh Fort

लोहागढ़ फोर्ट भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग। Lohagarh Fort Bharat ka ek Matr Ajay Durg
Lohagarh Fort

          लोहागढ़ फोर्ट भरतपुर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भरतपुर सड़क मार्ग और रेल मार्ग द्बारा बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जिसके माध्यम से लोहागढ़ फोर्ट आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

11.1 लोहागढ़ फोर्ट हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे: How to              Reach Lohagarh Fort By Air

       लोहागढ़ फोर्ट हवाई मार्ग से सीधा नहीं पहुंचा जा सकता। इसका सबसे करीबी ऐयर पोर्ट आगरा है। आगरा से भरतपुर की दूरी 50 किलोमीटर है। आगरा पहुंचने के बाद बस या टैक्सी से लोहागढ़ फोर्ट पहुंचा जा सकता है। 

11.2 लोहागढ़ फोर्ट सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे: How to               Reach Lohagarh Fort By Road


          अगर आप सड़क मार्ग से लोहागढ़ फोर्ट जाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोहागढ़ फोर्ट भरतपुर से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। भरतपुर भारत के प्रमुख शहर आगरा, दिल्ली, जयपुर आदि से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आप इन शहरों से बस या टैक्सी के माध्यम से आसानी से लोहागढ़ फोर्ट पहुंच सकते हैं। 

11.3 लोहागढ़ फोर्ट रेल मार्ग से कैसे पहुंचे: How to                   Reach Lohagarh Fort By Train


             यदि आप लोहागढ़ फोर्ट ट्रेन से जाना चाहते हैं तो, हम बता दें कि लोहागढ़ फोर्ट का निकटतम रेलवे स्टेशन भरतपुर है, जो दिल्ली- मुम्बई रेलवे लाइन पर स्थित है। यह भारत के प्रमुख शहरों से रेलवे मार्ग द्बारा जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, मुम्बई, आगरा, जयपुर से ट्रेन से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहाँ से लोहागढ़ फोर्ट टैक्सी के द्वारा जा सकते हैं। 

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